गुरु नानक हिंदी हाई स्कूल के नव निर्मित भवन का उद्घाटन में पहुँचे विधायक तापस बनर्जी
रानीगंज। गुरु नानक हिंदी हाई स्कूल को नव निर्मित भवन राम बागान में आज स्थापित की गई। आज से यहाँ पठन-पाठन शुरू की गई। सभा को संबोधित करते हुए रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी ने कहा कि मुझे बहुत ही शिक्षकों से मिलने का अवसर मिला लेकिन अपने जीवन में त्रिपाठी जी जैसे शिक्षक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि बाधाओं एवं आलोचनाओं से घबराना नहीं चाहिए हालांकि कोई भी अच्छा काम बिना बाधा के नहीं होती है। कवि गुरु रवीन्द्र नाथ टैगोर को इतना अधिक आलोचना का सामना करना पड़ा कि वह कोलकाता छोड़कर शांतिनिकेतन चले गए। कवि साहित्यकार विद्यासागर जिन्होंने समाज के उत्थान के लिए विधवा विवाह बाल विवाह आदि को लेकर जो लड़ाई लड़ने शुरू किया कि उन्हें भी प्रताड़ना हुई और वह विद्यासागर झारखंड में चले गए। फूल के सैया पर चलकर अच्छे काम का अवसर नहीं मिलता है स्कूल को बनाने को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल का जवाब देते हुए कहे कि इतिहास आपको याद रखेगी। आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि वर्ष 1996 में रानीगंज के एक कार्यक्रम में आया था और बहुत ही दुर्गम अवस्था में इस हिंदी विद्यालय को देखा था और उस समय से ही एक भाव मन में था कि इस स्कूल का विस्तार हो नए भवन बने। वर्तमान में स्कूल के प्रधानाध्यापक त्रिपाठी के कर कमलों से यह सब स्कूल का निर्माण हुआ है और खुशी इस बात की है कि पहले दिन से लेकर आज आखिरी दिन भी हमें इस स्कूल के कार्यक्रम में आने का मौका मिला। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश बाजोरिया ने कहा कि रानीगंज के लोग समाज सेवा के क्षेत्र में जब भी अवसर मिलता है आगे बढ़ कर आते हैं। यहाँ के जितने भी शिक्षण संस्थाएं हैं सभी में यहाँ के लोगों का अहम भूमिका है।
रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रदीप बाजोरिया रानीगंज गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के इंद्रजीत सिंह वाधवा, पार्षद ज्योति सिंह, विनोद जयसवाल ,ललित झुनझुनवाला, पुरुषोत्तम गुप्ता प्रमुख उपस्थित थे। स्कूल के प्रधानाध्यापक आर के त्रिपाठी ने कहा कि काफी परेशानियों का दौर गुजरा है को स्थापित करने में पिछले 3 महीनों से हम पर जानलेवा हमला उत्तर की कोशिश हुई है। लेकिन मैं दिल संकल्प के साथ बढ़ता रहा और इस विद्यालय की स्थापना के साथ लगता है मेरा काम पूर्ण हुआ। हालांकि आज स्कूल के छात्र अभिभावक शिक्षा गण विधायक चेयरमैन समाजसेवियों ने मिलकर उन्हें बधाइयाँ दी। ज्ञात हो कि इस स्कूल का शिलान्यास तत्कालीन मेयर जितेंद्र तिवारी ने किए थे। उन्होंने ही इस क्षेत्र के हिंदी भाषियों के लिए इस सरकारी जगह का आवर्तन करवाए थे।
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