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प्रबन्धन निःशुल्क पार्क देने को तैयार, फिर समिति हाई कोर्ट में क्यों लगाती है गुहार

मोहन कुमार मंगलम पार्क में हर वर्ष आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर पार्क प्रबंधन एवं आयोजक समिति के बीच विवाद शुरू होता है. यह विवाद का निपटारा हर वर्ष ही हाईकोर्ट के वोकेशनल बेंच में ही पूजा के एक अथवा दो दिन पहले किया जाता है. हर बार ही आयोजक समिति एवं पार्क प्रबंधन पूजा आयोजन पर अपना अधिकार सिद्ध करने में तुल जाते हैं. एक ओर लीज धारी पार्क प्रबंधन दावा करता है कि छठ व्रतीयो से निःशुल्क छठ पूजा करने को तैयार हूँ, तब क्यों समिति व्रत धारियों से सदस्यता राशि उगाही करती है. क्यों हर बार हाई कोर्ट में पूजा आयोजन को लेकर गुहार लगा रही है ?

समिति द्वारा हाईकोर्ट में हर वर्ष पूजा की अनुमति को लेकर याचिका दायर करने को लेकर शहर वासियों के मन में कई प्रश्न उठने लगे हैं. हालांकि छठ सेवा समिति इस बार भी छठ पूजा आयोजन को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है, जबकि इस बार भी प्रबंधक व्रतियों के लिए निःशुल्क पार्क मुहैया कराने को तैयार है. उल्लेखनीय है कि कुमार मंगलम पार्क दुर्गापुर शहर का सबसे पुराना एवं लोकप्रिय पार्क है. 50 वर्षों से शहरवासी इस पार्क में छठ पूजा काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया करते थे, छठ पूजा का आयोजन अखिल भारतीय सांस्कृतिक परिषद के द्वारा की जाती थी. उक्त पार्क को 2005 में एक्साल्ट प्राइवेट कंपनी ने डीएसपी से लीज के तौर पर लिया था.

लीज लेने के दौरान लीज धारी कंपनी एवं डीएसपी प्रबंधन के बीच हुए समझौता पत्र में छठ वृत्तियों के लिए पार्क मुहैया कराने का कोई उल्लेख नहीं किया गया था. वर्ष 2006 में अखिल भारतीय सांस्कृतिक परिषद के महामंत्री एसएन राय ने निर्धारित कंपनी से छठ पूजा लिए पार्क मुफ्त करने की अनुमति मांगी थी. कंपनी ने उस वर्ष अखिल भारतीय सांस्कृतिक परिषद को पूजा की अनुमति दे दी. 1 वर्ष बाद दुर्गापुर इस्पात नगरी महा छठ सेवा समिति नई संस्था बनाकर छठ पूजा की अनुमति मांगने के लिए लीज धारी कंपनी के पास आई एवं छठ पूजा के लिए पार्क मुहैया करने की अनुमति की मांग की.

कंपनी ने उनकी भी बातों का सम्मान रखते हुए पार्क में छठ पूजा की अनुमति देने की सहमति जताई. लेकिन छठ व्रतियों से वार्षिक सदस्यता राशि वसूलने की बात सुन कंपनी ने इसका विरोध कर दिया एवं खुद छठ पूजा करने की घोषणा कर दी. तभी से छठ पूजा समिति एवं लीज धारी कंपनी के बीच विवाद चल रहा है. इस वर्ष भी 26 अक्टूबर को दुर्गापुर थाना में छठ पूजा को लेकर प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया गया था. जहाँ एसीपी विमल कुमार मंडल, सीआई चंद्रनाथ चक्रवर्ती, एमआईसी (बिजली विभाग ) धर्मेंद्र यादव लीज धारी कंपनी के निदेशक देवाशीष राय एवं सेवा समिति के सचिव राजेश प्रसाद मौजूद थे.

बैठक के दौरान प्रशासन ,निगम अधिकारी एवं पार्क प्रबंधन तीनों मिलकर छठ पूजा को सफल आयोजन करने का बात रखी एवं इस बार पार्क प्रबंधन ने लिखित तौर पर छठ व्रतीओं से निःशुल्क छठ पूजा करने का प्रस्ताव रख दिया. लेकिन इस बार भी छठ सेवा समिति अपने पुराने राग पर ही अड़ी रही. समिति ने लीजधारी कंपनी के प्रस्ताव को मानने से साफ इंकार कर दिया एवं पुनः हाई कोर्ट में अनुमति लेने के लिए याचिका दायर कर दी. इस संदर्भ में पार्क प्रबंधक देवाशीष राय ने स्पष्ट किया कि छठ सेवा समिति निजी स्वार्थ के लिए हर वर्ष ही अदालत का दरवाजा खटखटाती है ,जबकि मैं निःशुल्क पार्क देने को तैयार हूँ. यहाँ तक छठ के दौरान व्रतियों की सुविधा के लिये पार्क में लाइटिंग, डेकोरेशन, साफ सफाई का भी खर्चा भुगतान के लिए तैयार हूँ. तब क्यों समिति हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रही है?

Last updated: नवम्बर 3rd, 2018 by Durgapur Correspondent

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