बिजली बिल से हताश ग्रामीण, कर्ज चुकाने के बाद भी बिल आया 32 हजार
किस्तों में कर्ज चुकाने के बाद भी बिल आया 32 हजार का, फरियादी बनकर दर-दर की ठोकर खा रहे है बासुदेवपुर कि दर्जनभर गरीब परिवार।
सालानपुर। चराग तले अंधेरा. बस आज इसी कहावत की जद में सालानपुर क्षेत्र के रूपनारायणपुर स्थित डब्लूबीएसईडीसीएल कार्यालय है, यूं तो इस विद्युत कार्यालय की सरपरस्ती से पूरा क्षेत्र रौशन होता है। किंतु यहाँ के स्टेशन मैनेजर की फ़रमान ने बासुदेवपुर के दर्जन भर गरीब परिवार के जीवन को अंधकारमय बना दिया है।
लाल कार्डधारी यह बिजली उपभोक्ता विभाग की कर्ज में डूबकर दर-दर की ठोकरे खाकर फरियाद करने को विवश है। कभी जिला विद्युत अधिकारी तो कभी रूपनारायणपुर स्टेशन मैनेजर, किंतु फरियाद सुनने वाला कोई नही।
गुरुवार को भुक्तभोगी परिवार की दर्जन भर महिलाओं ने रूपनारायणपुर स्टेसन मैनेजर प्रभात चन्द्र साव ने मुलाकात की जहाँ उन्होंने किसी की एक भी नहीं सुनी और पूरे मामले को लेट पेमेंट सर चार्ज(एल पी) करार दिया। किन्तु ग्रामीणों ने कहा कि बकाया से तीन गुणा अधिक एलपी ये कैसा न्याय है।
मामलें पर जिला परिषद विद्युत विभागाध्यक्ष ने कहा कि पूरे मामलें को लेकर डीएम साहब को लिखित शिकायत किया जाएगा। किसी भी गरीब के साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए कि चक्रवृद्धि ब्याज के चक्कर में घर-बार बेचना पड़े।
भुक्तभोगी ग्रामीण टुम्पा नाथ ने बताया कि पिछला बकाया किस्तो में देने की बात पर एक-एक रुपया जोड़कर पूरा कर्ज चुका कर खुश हुए थे कि 12 हजार 22 रुपए का पुनः बिल भेज दिया गया, जिसमें दो माह का बिल के साथ (एलपी) चार्ज शामिल है।
आलो पान ने बताया कि पूरा पैसा लोन लेकर चुकाया हूँ फिर भी 22 हजार 368 रुपये का बिल भेज दिया है।
नामिता थंडर कहती है हम लोग मज़दूरी करके कर्ज चुकाए बाबू जिसके बाद 18 हजार 781 का फिर से बिल आ गया है, अब जान भी मार देने से बिल नहीं चुका पाएंगे।
मोनिका खोवास ने कहा कि घर में एक बल्ब जलाते है। फिर भी फैसला होने के बाद पिछला कर्ज किस्तो में चुकाया और अब फिर से 5 हजार 902 रुपये का बिल आया है।
बास्की थंडर ने कहा पिछला करार में लेट पेमेंट सर चार्ज का कोई जिक्र नहीं था, इसीलिए हर माह क़िस्त में पैसा जमा किया और अब 34 हजार 41 रुपये का बिल आया है।
रीनाबाला बागदी ने कहा कोई कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है, और अधिकारी जबरन वसूली करना चाहतें है। 14 हजार 696 रुपये फिर से चुकाने की अब हैसियत नहीं है।
ग्रामीण बिपिन रॉय ने कहा झोपड़ी में रहने वाले लाल कार्ड कंज्यूमर है, फिर भी पूरा पैसा किस्तो में दिया हूँ, अब पुनः 32 हजार 164 का फरमान जारी कर दिया गया है, कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं है, अब आत्महत्या छोड़कर दूसरा कोई चारा नहीं है।
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