जिंदा में भी फजीहत और मरने के बाद भी सकुन नहीं मिला, मिर्तक का शव उठाने के लिए हाई वोल्टेज बवाल
जिंदा में भी फजीहत और मरने के बाद भी सकुन नहीं मिला। कनकनी बस्ती के रवि महतो उर्फ विक्की महतो का शव को उठाने के सवाल पर मृतक के परिजन और उसकी पत्नी के परिजनों में जमकर हाई वोल्टेज बवाल हुआ। पुलिस के द्वारा काफ़ी समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हुआ। करीब चार घंटे के बाद उसका शव उठा।
पोस्टमार्टम के बाद करीब डेढ़ बजे मृतक का शव कनकनी स्थित आवास पर पहुँचा। शव के पहुँचते ही माहौल गमगीन हो गया। मृतक की माँ और बहन सहित परिवार के अन्य सदस्य रो विलाप रहे थे। करीब एक घंटे के बाद मयके से मृतक की पत्नी और उसके साथ परिजन पहुँचे। अंतिम दाह संस्कार करने से पहले एक रश्म की अदायगी को लेकर दोनों पक्षों के लोगों के बीच हंगामा हो गया।
खबर पाकर थानेदार रमेश चंद्र सिंह सदल बल मौके पर पहुँचे। दोनों पक्षों के लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। काफी मुशक्कत के बाद मामला शांत हुआ। तब जाकर शव को अंतिम दाह संस्कार के लिए ले जाया गया।
मृतक की पत्नी व उनके परिजनों का कहना था कि विक्की की मौत का जिम्मेवार उनके परिजन हैं। मृतक की डेढ़ वर्षीय बच्ची के साथ न्याय किया जाय। वहीं विक्की की माँ का कहना था कि उसके भाई की मौत का जिम्मेवार उसकी पत्नी। दोनों के बीच झगड़ा होने के बाद उसने इतना इतना बड़ा कदम उठा लिया।
मालूम हो कि बुधवार की शाम को विक्की महतो ने अपने आवास में फंसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। दोनों परिवारों के आपसी विवाद के कारण मृतक का गुरुवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका था।
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