दुर्गापुर बैराज का निरीक्षण करने पहुंचे थे , पुलिस ने बैरंग लौटाया
निरीक्षण के नाम पर हावड़ा से आई संस्था बैराज के समीप पंडाल बनाने लगी
बृहस्पतिवार की सुबह को दुर्गापुर बैराज में हावड़ा की एक स्वयं सेवी संस्था “जयपुर संगति” की ओर से दुर्गापुर बैराज के समीप एक पंडाल बनाने का काम शुरू हुआ तथा चेयर टेबल आने लगी । यह देखते हुए दुर्गापुर बैराज की निगरानी कर रहे सुरक्षा गार्डों ने सिंचाई दफ्तर को इसकी सूचना दी कुछ देर बाद ही सेज दफ्तर के इंजीनियर ए के सिंह अपने अधिकारियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे और संस्था के सचिव सुब्रतो राय से पूछताछ की । पूछताछ करने पर पता चला कि वह लोग दुर्गापुर बैराज का समीक्षा कर रहे हैं । बताया कि प्रधानमंत्री दफ्तर के अंडर में और डीवीसी सेंट्रल वाटर कमीशन की ओर से दुर्गापुर बैराज , मैथन आदि डैमों का निरीक्षण करने की उन्हें अनुमति मिली है ।
पर कोई भी आदेश पत्र दिखा नहीं पायी
जब सिंचाई दफ्तर की ओर से कागजात मांगी गई तो एक भी कागजात नहीं दिखा पाई संस्था । उसके बाद सिंचाई दफ्तर के चीफ इंजीनियर ए के सिंह ने कोक ओवेन थाना को सूचना दी तथा वडजोड़ा थाना के पुलिस को भी अवगत कराया । घटनास्थल पर पुलिस पहुंचकर बन रहे पंडाल को खोल दिया और उन लोगों को यहां से चले जाने के लिए कहा ।
कुछ भाजपा नेता भी साथ आए थे पर शर्मिंदा होकर वापस जाना पड़ा
संस्था के सुब्रतो राय ने कहा कि उनको केंद्र सरकार प्रधानमंत्री दफ्तर ईडब्ल्यूएस से अनुमति मिली है कि बैरेज की समीक्षा करें और इस पर 36000 करोड़ रुपया का खर्च भी बताया जो वर्ल्ड बैंक से तथा केंद्र सरकार से मिलेगी । परंतु सिंचाई दफ्तर के चीफ इंजीनियर ए के सिंह ने बताया कि उनके पास कोई कागजात नहीं मिली है। न ही डीवीसी की ओर से और न ही सरकार की ओर से। उनके पास कागजात भी नहीं थे। इसमें कोलकाता के कुछ बीजेपी के नेता भी यहां पहुंचे थे । उन लोगों के साथ बीजेपी नेता प्रवीण सरकार ने बताया कि हमें नहीं मालूम कि उन लोगों के पास कागजात नहीं है। अगर मालूम होता तो हम नहीं आते।
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