2300 महिलाओं में साड़ी वितरण के साथ सम्पन्न हुई देवकीनंदन ठाकुर की भागवत कथा
आसनसोल -विश्व शांति सेवा चैरीटेबल ट्रस्ट वृन्दावन के तत्वाधान में नुनी गोपल मंडल और शान्तो रानी मंडल द्वारा भगवत कथा का आयोजन आसनसोल कन्यापुर स्थित सनरेले में आयोजित की गयी ।
7 दिवसीय चल रहे भगवत कथा का समापन बीते रविवार 26 मई को सम्पन्न हुआ । भगवत कथा का शुभारंभ 20 मई को विधिवत पूजन पाठ के साथ की गई थी।
प्रथम दिन श्रीमद भगवत कथा व्यास नारद संवाद, कुंती स्मत, दूसरे दिन कपिल देवहुती संवाद, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, तीसरे दिन जड्भरत संवाद, न्रसिह अवतार, वामन अवतार, चौथे दिन राम कृष्ण जन्मोत्सव, पाँचवे दिन भगवता बाललीला, गवर्धन पूजा, छप्पन भोग, छठे दिन उद्धव चरित्र, रुक्मिणी विवाह, राम पंचाध्यायी, सातवें दिन द्वारिका लीला सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, व्यास पूजन, पूर्णाहुति एवं साड़ी वितरण के साथ कथा का समापन हुआ । करीब 2300 महिलाओं में साड़ी वितरित की गयी ।
कथा भगवत प्रवक्ता देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज के सुवचनों से सम्पन्न हुआ । भगवत कथा प्रवचनकर्ता देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि इस आयोजन की सार्थकता तभी सिध्द होगी जब इसे हम अपने जीवन में , व्यवहार में धारण कर, निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें अन्यथा यह कथा केवल ” मनोरंजन ‘, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी ।
भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है, संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण,भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है।
श्रीमद भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहाँ अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है । भागवत कथा कल्पवृक्ष के सामान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है।
संवाददाता : ऋषि गुप्ता
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