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हैदराबाद क्राइम ब्रांच ने दुर्गापुर से युवक को किया गिरफ्तार

हैदराबाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने दुर्गापुर स्टेशन बाजार टीएन स्कूल के समीप से नीरज भगत और दीपक साव को गिरफ्तार किया. मुख्य आरोपी दीपक साव को बुधवार को दुर्गापुर महकमा अदालत में पेश किया गया, जहाँ आरोपी विकलांग होंने के कारण अदालत के न्यायाधीश ने जमानत पर रिहा कर दिया. पंद्रह दिसंबर को हैदराबाद क्राइम ब्रांच अधिकारी को जाँच के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया गया. जबकि गुरुवार को नीरज भगत को दुर्गापुर महकमा अदालत में पेश कर पंद्रह दिनों के लिए पुलिस रिमांड की मांग किया.

जहाँ अदालत के न्यायाधीश ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत याचिका खारिज कर हैदराबाद क्राइम ब्रांच पुलिस के हवाले कर दिया. हैदराबाद क्राइम ब्रांच के प्रभारी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में पाँच पुलिस टीम दुर्गापुर पहुँचे है. एक सप्ताह शहर में रहने के बाद उन लोगों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नीरज के बैंक खाते से जानकारी लेते हुए गिरफ्तार किया. हैदराबाद क्राइम ब्रांच पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हैदराबाद के निवासी मोहन राज के बैंक खाते से इस माह के चौदह नवंबर को छह लाख रुपये उङा लिया था.

पुलिस ने बताया कि मोहन राज के मोबाइल फोन पर एक कॉल आया था, जिसमें वह बैंक अधिकारी बता कर उनसे एटीएम के पीन नंबर ओपीटी नंबर मांग कर उनके बैंक एकाउंट से रुपये उङा लिया. जाँच के दौरान पुलिस को सुराग के तौर पर दुर्गापुर के बैंक खाते का नंबर मिला, जहाँ पर मोहन राज का रुपये ट्रंस्फर हुआ था. पुलिस ने बताया कि बैंक एकाउंट से रुपये गायब करने की नेटवर्किंग झारखंड के जामताङा, जसीडी से हुआ था.

यह नेटवर्किंग कोलकाता, नार्थ 24 परगाना, साउथ 24 परगाना, रानीगंज,आसनसोल तक फैली है. यह लोग जीरो बैलेंस पर लोगों का खाते का नंबर ले कर उन लोगों के खाते में रुपये लाकर कमिशन देकर रुपये उठा लेते हैं. पुलिस ने बताया नीरज के खाते में दस हजार रुपये आया था. मुख्य आरोपी दीपक साव उनके खाते में दो हजार रुपये कमिशन के तौर पर छोड़ कर आठ हजार रुपये उठा लिए थें.

आरोपी के भाई धीरज ने अपने भाई को बेकसूर बताया

साइबर क्राइम के आरोप में गिरफ्तार नीरज भगत के बङे भाई धीरज भगत ने बताया कि उनके भाई बेकसूर है. इलाके के ही दीपक साव ने उनके बैंक एकाउंट नंबर लिया था, कि उनका कुछ रुपये बाहर से आने वाला है. जब उनके बैंक एकाउंट में रुपये आ जायेगा तो वह रुपये उठा लेगा. उन्हें मालूम ही नहीं था कि उनके खाते में साइबर क्राइम का रुपये आया है.

उनके भाई के एकाउंट में दस हजार रुपये आया था, जो दीपक ने आठ हजार रुपये लेकर दो हजार रुपये छोड़ दिए थें. उन्होंने बताया कि उन लोगों का पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है, दिन मजदूरी कर किसी तरह घर चलता है. भाई चार कक्षा तक पढ़ाई किया है,

आर्थिक तंगी के कारण हम लोग पढ़ाई नहीं कर सकें. उन्होंने बताया कि दीपक साव सिर्फ मेरा भाई से ही बैंक एकाउंट का नंबर नहीं लिया था, बल्कि इलाके के पंद्रह बीस और लोगों से बैंक एकाउंट नंबर लिया है.

Last updated: नवम्बर 22nd, 2018 by Durgapur Correspondent

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