लाखो टन कोयला होने के बावजूद कोलियरियो को बंद करने की शाजिस
नियामतपुर -ईसीएल सोदपुर क्षेत्रीय कार्यालय के समीप सीटू द्वारा कोल इंडिया के निजीकरण व कोयला खदानों को बंद करने की शाजिस के खिलाफ एक सभा का आयोजन कर विरोध जताया. सीटू नेता सूजित भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार और कोल इंडिया मिल कर ईसीएल के 16 खादानो को बंद करने की शाजिस रच रहा हैं. जिसमें 6800 से भी अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, इन खादानो के अंदर जी2,जी3 गुणवक्ता का 248 मिलयन टन से अधिक कोयला मौजूद हैं. केंद्र सरकार इन सभी खादानो का निजीकरन करके कोयला निकालना चाहती हैं. सोदपुर एरिया को एक शाजिस के तहत बीमार करने की कोशिश में प्रबंधन लगी हुई हैं, 6कोलयरी को बंद करने का पडयंत्र कर रही. इसमें कोयला का प्रचुर भंडार हैं. मिठानि कोलयरी में 385 श्रमिक है, कोयले का भंडार 26 मिलियन टन, बेजडीह में श्रमिक 464 कोयला 3 लाख मिलियन टन, पाटमोहना में श्रमिक 464, कोयला दो सिम हैं. डिसरगढ़ 10.29 व बराचक 2 मिलयन टन, सोदपुर (आर) में 631श्रमिक और कोयला 5 लाख टन, चिनाकुरी (1) में श्रमिक 278 और कोयला 72 मिलियन टन, परबेलिया में श्रमिक 838 और हिजुली सिम में 1 मिलियन टन,तथा डंगाजोड़ा में 26 मिलयन टन कोयला का भंडार पड़ा हैं. केंद्र सरकार ऐसे और भी कोलयरी को बंद कर निजीकरण करना चाह रही हैं. उन्होंने कहा कि पेंशन नीति को बदलने की मांग की गई है. श्री भटचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार और सीआईएल प्रबंधन के खिलाफ क्रमबद्ध सभी कोलयरियो में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. मौके पर श्यामल बाउरी, दिलीप बनर्जी, अनशिप चटर्जी, प्रतीक सेन, कौशिक चक्रवर्ती इत्यदि उपस्थित थे.
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