चौपारण का मॉडल स्कूल 11 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधा से वंचित
केंद्र सरकार के वितीय सहयोग से झारखंड सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय के तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम का मॉडल स्कूल बच्छई चौपारण 11 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। उक्त जानकारी मंडे मॉर्निंग द्वारा मॉडल स्कूल प्रभारी प्राचार्य राजकुमार सिंह से पूछने पर बताया। उन्होंने बताया कि विद्यालय में छठा में 39, सातवां में 39, आठवां में 35, नौवां में 32, दशवा में 22, ग्यारहवीं में 76 व बारहवीं में 18 मिला कर कुल 261 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। जिन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के नाम पर मात्र पांच शिक्षक है। जिसमें प्रभारी प्राचार्य राजकुमार सिंह, प्रशांत कुमार, रूपेश कुमार, नीतीश कुमार, बिनीता कुमारी है। इनमें नीतीश कुमार मात्र तीन दिन का डिप्टेशन किया गया है। अध्ययनरत 261 बच्चों में अधिकतर बच्चें जमीन पर बैठकर पठन-पाठन करने पर विवश है। प्राचार्य सिंह ने बताया कि विद्यालय भवन के किसी भी कक्षा में पंखा नही लगा हुआ है। जिससे ठंढ के मौसम में तो ठीक है। मार्च के बाद 4-5 माह बच्चों को बहुत ही परेशानी होती है।
बतादें कि मॉडल स्कूल की स्थापना 2011 में किया गया था। बच्चों को टेस्ट के आधार पर नामांकन कर बीआरसी भवन में पठन-पाठन शुरू किया गया था। बीआरसी में परेशानी होने के कारण मध्य विद्यालय चैथी और उसके बाद आदर्श मध्य विद्यालय चौपारण में 15 जून 2017 तक संचालित किया गया था। विभाग द्वारा राजकीय बुनियादी विद्यालय बच्छई के 10 एकड़ भूमि जो बराकर नदी के मुहाने पर अवस्थित है। उसपर लगभग 3 करोड़ रुपये का भवन 2017 में बन कर तैयार हुआ। जिसे 4 जुलाई 2017 को निवर्तमान विधायक मनोज कुमार यादव ने विद्यालय भवन का उद्घाटन कर पठन-पाठन शुरू करवाये। उद्घाटन के पांच साल बाद भी मूलभूत सुविधा से वंचित है। इसकी जानकारी मिलने के उपरांत चौपारण पश्चिमी सांसद प्रतिनिधि मुकुंद साव, पूर्वी राजेन्द्र चंद्रवंशी, मंडल अध्यक्ष मुकेश सिन्हा ने मॉडल स्कूल की समस्या को जानने एवं सांसद जयंत सिन्हा के द्वारा समाधान के उद्देश्य से स्कूल पहुंचे। जमीन पर बैठे बच्चों, शिक्षकों की कमी सहित दर्जन भर समस्या देख भौचक रह गए। इस सम्बंध में मीडिया ने सांसद प्रतिनिधि व मंडल अध्यक्ष से बात किया तो बताया कि सांसद मद से 5 लाख मॉडल स्कूल के विकास के लिए मांग किया हूं, जिसपर सहमति के साथ जल्द ही स्वीकृति मिल जायेगी।
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