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99 प्रतिशत लोगों ने माना अवैध कोयला खदान बंद करने के लिए तत्पर नहीं है प्रशासन

अवैध कोला खदान

मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क द्वारा कराये गए ऑनलाइन सर्वे में से 99 प्रतिशत लोगों ने माना कि प्रशासन अवैध कोयला खनन रोकने के लिए ईमानदार कोशिश नहीं कर रही है। कुल 50085 मतों में से 49953 लोगों इस बात को स्वीकार किया है जबकि मात्र 132 लोगों ने माना कि अवैध कोयला खनन रोकने के लिए प्रशासन ईमानदार कोशिश कर रही है। सर्वे में पूछा गया था कि “क्या अंडाल-आसनसोल-रानीगंज के कोयलाञ्चल क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने के लिए ईमानदार कोशिश हो रही है।” इस सर्वे ने जो खुलासे किए हैं उससे इतना तो पता चल गया है कि आम लोगों कि सरकारी रवैये के प्रति क्या राय है। सरकार और सत्ताधारी पार्टी अब भी नहीं चेती तो उसे आने वाले समय इसका नुकसान उठाना पड़ेगा

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इस सर्वे को करीब एक वर्ष पहले 2 अगस्त को शुरू किया गया था सर्वे की वोटिंग लाइन अब भी खुली है और अगले 1 अगस्त तक खुली रहेगी।


अंडाल थाना क्षेत्र के परासकोल में अवैध खुली खदान

पश्चिम बंगाल के कोयलाञ्चल क्षेत्र आसनसोल-रानीगंज, पुरुलिया में आए दिन अवैध कोयला उत्खनन की घटनाएँ सामने आती रहती है। कई बार सीआईएसएफ़ द्वारा अवैध खदानों को भरने एवं पुलिस द्वारा अवैध कोयला से लदी गाड़ियों को पकड़ने का भी मामला सामने आया है पर इन सबके बावजूद अवैध कोयला खनन में बिलकुल भी कमी नहीं आई है। सबसे हैरत की बात तो यह है कि दिन के उजाले में जमीन को खोदकर खुली खदान के जरिये अवैध कोयला उत्खनन किया जाता है। कुछ समय पहले आसनसोल के कुयारडीह कोलियरी में स्थानीय ग्रामीणों ने अवैध कोयला खदान के विरोध में जमकर हंगामा किया था। पर न कोई कार्यवाही होनी थी और न हुयी। अंडाल थाना क्षेत्र के बाबाइसोल एवं परासकोल में खुले आम बहुत बड़े पैमाने पर अवैध कोयला उत्खनन हो रहा है। अवैध उत्खनन इतना अधिक है और इतने अधिक संख्या में जेसीबी मशीने काम करती है कि सामान्य नागरिक को पता ही नहीं चलेगा कि अमुक खुली खदान अवैध है और यहाँ कोयले की चोरी हो रही है।

मंडे मॉर्निंग नेवज नेटवर्क लगातार इन अवैध कोयला खदानों पर खबरें प्रकाशित करता रहा है। लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। जाहिर है केवल प्रशासन को दोष देना सही नहीं। इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों खामोश हैं। बीच-बीच में गाहे-बगाहे खानपूर्ति के लिए या फिर दबाव बनाने के उद्देश्य से कुछ आवाजें उठती हैं पर उसका जमीनी धरातल पर कोई असर नहीं होता है।

पूर्व में प्रकाशित खबरों के कुछ लिंक

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ममता बनर्जी बंगाल में अवैध कोयला उत्खनन करवाती है – रघुवर दास

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल , महाराष्ट्र के बाद देश का दूसरा सबसे कर्जदार राज्य है और वह भी तब जब सत्ताधारी पार्टी विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है। जो कर्ज पश्चिम बंगाल की जनता पर लादा जा रहा है उसे देर सवेर यहाँ की जनता को ही चुकाना है और इसका असर विकास की गति पर निश्चित रूप से पड़ेगा। सरकार को खर्चे में कटौती करनी पड़ेगी। नौकरी की बहाली बंद करनी पड़ेगी या फिर कम करनी पड़ेगी।

कोयला से प्राप्त होने वाला आय पश्चिम बंगाल के राजस्व का बहुत बड़ा हिस्सा है और जिस रफ्तार से अवैध उत्खनन हो रहे हैं उससे राज्य के राजस्व पर भी असर पड़ेगा। अवैध कोयला उत्खनन का दुष्प्रभाव आज झारखंड का झरिया के लोग झेल रहे हैं। जो स्थिति बनी हुयी है देर-सवेर पश्चिम बंगाल का कोयलाञ्चल भी उसी दिशा में बढ़ रहा है।

Last updated: जुलाई 10th, 2018 by Pankaj Chandravancee