सिख बनने के पश्चात जीवन स्वर्ग बन गया है राकेश सिंह खनूजा

रानीगंज। युवा सीख राकेश सिंह खनूजा सिर में कैश रखने के पश्चात पगड़ी धारण कर सिख बन गए एवं जामुड़िया बाजार गुरुद्वारा के अध्यक्ष भी बन गए हैं। और सिख समाज के अनुरूप जामुड़िया गुरुद्वारा में सेवा में जुट गए। वह रानीगंज गुरुद्वारा में माथा टेकने के दरमियान बताया कि बचपन से ही उन्होंने पंजाबी होने के बावजूद भी सिर में केस नहीं रखे थे ।परंतु कुछ महीने पहले आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पदाधिकारियों के साथ तखत हरमंदिर साहिब पटना दर्शन करने को गये वहाँ जाकर तखत साहिब के ग्रंथी को अपना परिचय जामुड़िया गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का अध्यक्ष के रूप में दिया तो ग्रंथि जी ने कहा कि सबसे पहले आप सिख धर्म की मर्यादा को धारण करें उसके पश्चात ही गुरु घर की सेवा में अपना योगदान दें। राकेश जी ने कहा कि घर वापस आकर उन्होंने प्रण किया कि अब वे सिख बनेंगे एवं उन्होंने अपने सिर में केस धारण कर लिया एवं पगड़ी सजानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग पगड़ी में देखकर उनकी काफी इज्जत करने लगे एवं गुरु महाराज की बख्शीश अपार होने लगी ।

उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर ने बताया कि हमारे मायके में सभी सिख है जब हमारी शादी जामुड़िया निवासी राकेश सिंह खनूजा गुरु ग्रंथ साहिब जी के बताए हुए रास्ते पर चल रहे हैं। आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के मुख्य पदाधिकारी सरदार हरजीत सिंह बग्गा, सरदार जगदीश सिंह संधू, महासचिव सरदार तरसेम सिंह एवं सरदार सुरजीत सिंह मक्कड़ ने कहा कि राकेश सिंह खनूजा के ऊपर गुरु साहिबान की बहुत कृपा हुई है। सिर में पगड़ी सजाने के पश्चात उनका स्वरूप देख कर हम सब गौरवान्वित है।

Last updated: मार्च 15th, 2022 by Raniganj correspondent
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