ईसीएल मुख्यालय का हुआ घेराओ , सभी एरिया कार्यालय पर आई आफत

29 जुलाई शनिवार को निजी सुरक्षा गार्ड के परिवारों द्वारा ईसीएल मुख्यालय का घेराव किया गया ।
आन्दोलनरत निजी सुरक्षा कर्मियों के परिजन पहुंचे ईसीएल मुख्यालय जिसमें बच्चे बूढ़े सभी शामिल थे ।
भुखमरी की कगार पर चले गए हैं सभी कामगार
सुरक्षा गार्ड के परिजनो का कहना है कि उनके परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य को
काम से हटा देने से उनके सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
परिजनों ने कहा ठंडा, गर्मी, बरसात सभी मौसम में समानरूप कार्य किया
किन्तु अब कार्य से हटा देने से हमलोगों का जीना दुस्वार हो गया।
बच्चों का लिखी पढाई सभी बाधित हो रही है । वकाया राशी दिए बिना कार्य से हटा दिया गया है ।
इस मौके पर शांति देवी, अर्मिमा बीबी, ज्योति महतो द्वारा लिखित शिकायत ईसीएल मुख्यालय में दिया जाएगा ।
मालूम हो कि ईसीएल संक्तोडिया मुख्यलय गेट के समक्ष ईसीएल ठेका श्रमिक अधिकार यूनियन के बेनर तले
निजी सुरक्षा गार्ड को नौकरी से बैठा देने के बिरोध में बीते 20 जुलाई बृहस्पतिवार से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था ।
9 दिन बाद 29 जुलाई शनिवार को निजी सुरक्षा गार्ड के परिवारों द्वारा ईसीएल मुख्यालय का घेराव किया गया .
जिसमे काफी संख्या में ठेका श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।
2268 निजी ईसीएल सुरक्षा गार्ड हो गए बेरोजगार
मौके पर उपस्थित ईसीएल ठेका श्रमिक अधिकार यूनियन के सयुक्त सचिव सुदीप्ता पाल ने बताया कि
पिछले 1 तारीख से 2268 निजी ईसीएल सुरक्षा गार्ड को कार्य से बैठा दिया गया है
जिसके विरोध में अधिकार यूनियन के बेनर तले इसका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था ।
ईसीएल के निजी सुरक्षा गार्ड को बैठा देने से सभी कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।
जिसका पालन पोसन भी ठीक से नहीं किया जा रहा है !
शनिवार को निजी सुरक्षा गार्ड व उनके परिजन ने भी इस बिरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए !
इसमें मुख्य रूप से उमेश दुसाद, रंजन खान, नीरेश बाउरी, समेत काफी संख्या में अधिकार यूनियन के कार्यकर्ता उपस्थित थे !
तृणमूल आया समर्थन में । सभी एरिया कार्यालय घेराओ की घोषणा की
निजी ईसीएल सुरक्षा गार्ड द्वारा अधिकार यूनियन के बेनर तले बीते 20 दिनों से आंदोलन किया जा रहा है।लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला ।
अब पीड़ित परिवारों के साथ तृणमूल समर्थित “कोयला खदान ठेका श्रमिक” भी शामिल हो गया है।
अब अनिश्चितकाल तक चलेगा आंदोलन
यूनियन के कजोरा एरिया के अध्यक्ष प्रदीप कुमार पोद्दार ने बताया कि जब तक ईसीएल सभी निकाले गए ठेका श्रमिकों को वापस नहीं ले लेता है तब तक यह आंदोलन चलेगा।
गरीबी एवं चिंता से एक सुरक्षा गार्ड की हो चुकी है मौत
बीते 15 जुलाई को अंडाल के काजोरा निवासी राजू महतो की मौत हो गयी।
बेरोजगारी में परिवार और बच्चों की चिंता तथा गरीबी ने उनकी जान ले ली।
खूब हंगामा हुआ था
राजू महतो की मौत पर सैकड़ों बेरोजगार श्रमिक कजोरा मोड़ स्थित जेके रोपवेज मुख्यालय के समक्ष लाश के साथ जमा हो गए और मुआवजे की मांग करने लगे।
हालांकि उन्हे कोई मुआवजा नहीं मिला और मात्र 30 हजार रुपए अन्त्येष्टि खर्च के लिए मिला वह भी “कोयला खदान ठेका श्रमिक” यूनियन के दबाव में ।
-जहांगीर आलम ( आसनसोल )
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