जब रैली में जा रही है बसें तो ये कैसा हड़ताल है ………..?
19 जुलाई बुधवार से आसनसोल अनुमंडल में पूर्णत: बड़ी व मिनी बस बंद है.
बिना परमिट के ऑटो व टोटो का परिचालन को लेकर बस यूनियन ने यह निर्णय लिया है
कि जब तब ऑटो और टोटो का अवैध परिचालन बंद नहीं किया जाता है
तब तक सभी बसे हड़ताल पर रहेगी.
हड़ताल तुड़वाने के लिए कहीं से कोई पहल नहीं की गयी है
शनिवार को बस हड़ताल का चौथा दिन गुजर गया.
लेकिन इस विषय पर जिला व पुलिस प्रशासन और ना ही सत्ता धारियों ने कोई पहल की.
चार दिनों से बस बंद रहने के कारणलोगों को काफी कठिनाईयां हो रही है,
मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं ऑटो और टोटो चालक
ऑटो और टोटो जिसके कारण बसे बंद है, वो यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूल रहे है.
वहीं इनकी संख्या में काफी वृद्धि हो जाने के कारण सड़क जाम की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है.
सत्ता दल के रैलियों के लिए उपलब्ध है बस
लेकिन मजे की बात यह है कि एक तरफ जहाँ जनता को आवागमन में असुविधा हो रही है
तो वही सत्ता दल द्वारा किये जा रहे रैली व सभाओं के लिए बसों की कोई कमी नहीं हो रही है.
शुक्रवार को कोलकाता के धर्मतला में आयोजित शहीद सभा में आसनसोल क्षेत्र से काफी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे.
जिन्हें ले जाने का जिम्मा हड़ताल पर गए बसों का था.
वही शनिवार को साँकतोड़िया स्थित ईसीएल मुख्यालय में धरना प्रदर्शन के लिए
सत्ता दल समर्थित आईएनटीटीयूसी के केकेएससी के कार्यकर्ताओ के लिए बसे उपलब्ध थी.
गौरतलब है कि जनता बस हड़ताल से हलकान हो रही है
लेकिन सत्ता दल को आसानी से बस मिल जा रहा है,
तो ये बस संचालक हड़ताल क्या सिर्फ आम जनता के लिए करते है.
कामकाजी लोग व स्कूली बच्चे दोगुना भाड़ा देकर सफर करने को मजबूर है
लेकिन शासन-प्रशासन को इससे कोई समस्या नहीं हो रही है.
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