आखिर क्यों बंद हो रहा हैं? आसनसोल का प्राचीन शराब कारखाना
आसनसोल। पश्चिम बंगाल के प्राचीन गौरव में एक पश्चिम बर्दवान जिला के आसनसोल में स्थित डियाजियो की सहायक कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड फैक्ट्री आज बंद होने की कगार पर है। बीते 7 महीनो से फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को वेतन नहीं मिला है।
आसनसोल के कुमारपुर इलाके में स्थित डियाजियो की सहायक कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड इन दिनों काफी चर्चे में है। दरअसल, इस कंपनी में पिछले 7 महीनों से प्रोडक्शन बंद है।
यहां तक कि कंपनी ने फैक्ट्री कैम्पस में बने तमाम मजदूरों के आवास को भी खाली करा दिया है। इन श्रमिक आवासों को तोड़कर जमीन को पूरी तरह समतल बना दिया है।
इतना ही नहीं, कंपनी ने फैक्ट्री की मशीनों के साथ-साथ अलग-अलग ब्रांड की शराब की बोतलें, उनके ढक्कन, उनके अलग-अलग लेबल समेत कई चीजों को धीरे-धीरे यहाँ से हटा दिया है। पिछले 7 महीनों से फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को भी वेतन नहीं मिला है।
हालांकि, मजदूरों के मन में अभी भी यह उम्मीद है कि फैक्ट्री कभी बंद नहीं होगी। वहीं, पहली बार राज्य की तमाम राजनीतिक पार्टियां एक साथ खड़े होकर फैक्ट्री को जिंदा रखने के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं।
ऐसे में कंपनी में काम करने वाले तमाम मजदूर अब एक साथ मिलकर कंपनी बंद होने से बचाने के लिए काम कर रहे हैं। ये मजदूर फैक्ट्री को बचाने के लिए जोरदार आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, जिसकी एक तस्वीर बीते बुधवार को देखने को मिली। कंपनी के गेट के सामने श्रमिक संगठन सीटू के बैनर तले कंपनी में काम करने वाले परमानेंट और टेम्परेरी मजदूरों ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट का विरोध किया।
मजदूरों ने कहा कि कंपनी की बदहाली के बारे में न तो राज्य सरकार ने सोचा और न ही केंद्र सरकार ने उनका ध्यान रखा।
सीटू के नेता मुकतेश्वर बाउरी ने कहा कि केंद्र की मोदी और राज्य की ममता सरकार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जब से इनकी सरकार आई है, राज्य की कई फैक्ट्रियां धीरे-धीरे बंद होती जा रही हैं। इससे राज्य में बेरोजगारी का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह एक यूनियन नेता होने के अलावा इस यूनाइटेड स्पिरिट्स कंपनी में स्थायी मजदूर के तौर पर कार्य भी करते हैं।
मुकतेश्वर बाउरी ने कहा कि जिस तरह फैक्ट्री को पूरी तरह से खाली करवा दिया गया है, टेम्परेरी मजदूरों के वेतन बंद कर दिए गए हैं। इससे यह साफ है कि यह फैक्ट्री बंद होने के कगार पर है। इस फैक्ट्री में कभी भी और किसी भी समय ताला लग सकता है। इसलिए वह केंद्र और राज्य सरकार से यह मांग करते हैं कि वह इस फैक्ट्री को बचाएं।
वहीं, भाजपा के राज्य स्तरीय नेता कृषनेन्दु मुखर्जी ने यूनाइटेड स्पिरिट्स की बदहाली को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य में फैक्ट्रियों का एक के बाद एक बंद होना कोई नई बात नहीं है। जब तक राज्य में सीएम ममता बनर्जी की सरकार रहेगी, तब तक राज्य में कुछ इसी प्रकार की बदहाली बनी रहेगी। राज्य में विकास और उद्योग को बचाने के लिए ममता सरकार को राज्य की सत्ता से हटाना ही होगा। उन्होंने यह कहा कि वह फैक्ट्री में काम करने वाले तमाम मजदूरों के साथ खड़े हैं।
110 मज़दूरों को नहीं मिला वेतन
बता दें कि साल 1826 में बनी इस फैक्ट्री में अभी फिलहाल 145 परमानेंट मजदूर हैं, जबकि 110 मजदूर अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं। इस फैक्ट्री की वर्तमान स्थिति को देखते हुए कंपनी में काम करने वाले तमाम मजदूरों के दिल में एक अजीब सा डर है। हालांकि, कंपनी फैक्ट्री के परमानेंट मजदूरों को हर महीने वेतन दे रही है। लेकिन इसी फैक्ट्री में काम करने वाले अस्थाई 110 मजदूरों को पिछले 7 महीने से वेतन नहीं मिला है। फैक्ट्री की बदहाली का दोष एक-दूसरे के ऊपर मढ़ने के बाद भी राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियां इस फैक्ट्री को खुलवाने के लिए एक साथ खड़ी हैं।

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