एक महीने से बन्द है जलापूर्ति , उपभोक्ता प्लांट पर धरना प्रदर्शन का मन बना रहे है
लोयाबाद। (फोटो भी)गड़ेरिया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जलापूर्ति करीब एक महीने से बन्द है। मोटर जल जाना इसका कारण बताया जा रहा है।एक महीने में भी मोटर बन नहीं पाया है। समिति का कहना है कि फंड नहीं है।बीसीसीएल की मदद से मोटर बनाने का काम चल रहा है।कम से कम एक सप्ताह का और समय लग सकता है। जलापूर्ति ठप होने से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इस प्लांट से करीब 25 हजार की आबादी के समक्ष जल संकट उत्पन्न हुआ है।गड़ेरिया बस्ती,निचितपुर,बाँसजोड़ा बाजार सहित लोयाबाद व मदनाडीह के विभिन्न क्षेत्रों में जलापूर्ति होती है।प्लांट से आपूर्ति ठप होने के बाद बाँसजोड़ा आउटसोर्सिंग कम्पनी के टैंकर से जलापूर्ति कर राहत पहुँचाने का काम चल रहा था। बुधवार शाम लोयाबाद मोड़ पर टैंकर के धक्के से दो बाईक क्षतिग्रस्त होने के बाद टैंकर को लोयाबाद पुलिस जब्त कर लिया है। इससे लोगों को बीच परेशानी और बढ़ गई है।
उपभोक्ता घेरेगा प्लांट
जलसंकट झेल रहे उपभोक्ता प्लांट पर धरना प्रदर्शन का मन बना रहे है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यहाँ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। मोटर बनाने में एक महीना कहाँ लगता है। कहा कि यहाँ सिर्फ राजनीति हो रही है।कुछ लोग जान बूझकर जनता की परेशानियों से खेल रहे हैं। कहा कि जरूरत पड़ी तो थाना में शिकायत करेंगे ,विभाग के खिलाफ भी आंदोलन करेंगे।कहा कि समिति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में टालमटोल अपना रहा है। विरोध करने वालों में विनोद महतो चंदन महतो मेघन बेलदार शंकर पांडे राजा दास चंदन सिंह नरेश भर विनोद सिंह लक्ष्मण प्रसाद आदि लोग शामिल है।
विभाग के उदासीनता से हुआ ये हाल
वर्ष 2006 में पीएचइडी विभाग ने करीब दो करोड़ की लागत से गड़ेरिया में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण तो करा दिया। पर रख रखाव में कभी दिलचस्पी नजर नहीं आया। संचालन का जिम्मा एक समिति को देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए। समिति के चेयरमैन ध्रुव महतो का कहना है कि पल पल की जानकारी विभाग के अधिकारियों के देते रहें। फिर भी कोई मदद नहीं मिलता है।
कई वर्षों से बन्द है फिल्टर का काम
विभागीय उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस प्लांट का पानी फिल्टर होना कई वर्षों से बन्द है। प्लांट चालू होने के वक्त फ़िल्टर काम चलता था।पर फिल्टर सामग्री व मशीनी रख रखाव के वजह से पानी को फिल्टर करना बंद कर दिया गया।उपभोक्ताओं को डायरेक्ट पोखरिया का पानी आपूर्ति किया जाने लगा। समिति की माने तो विभाग को लिखित व मौखिक सूचना दे दी गई ,बावजूद विभाग ने दोबारा फिल्टर चालू नहीं करा सका।
बन्द हो सकती है प्लांट।
प्लांट की हालत देखकर लगता है कि, विभाग अगर सक्रिय नहीं हुई तो प्लांट बन्द को होने से कोई नहीं बचा सकता। बीसीसीएल की बिजली पानी व जमीन देने के बाद भी यह प्लांट बन्द हुआ तो इससे दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता।
गड़ेरिया जल उपभोक्ता समिति के चेयर मैनध्रुव महतो ने कहा कि मोटर जल चुका है, समिति के फंड में पैसा नहीं है। विभाग की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रहा है।बीसीसीएल की मदद से मोटर को बनवा जा रहा है।एक सप्ताह और समय लग सकता है।

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