जल जीवन का मूल आधार, जल बिना है सब बेकार – प्रखंड साक्षरता समिति
आज बृहस्पतिवार को प्रखंड कार्यालय चौपारण में प्रखंड साक्षरता समिति चौपारण के तत्वाधान में विश्व महासागर दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी अनु देवी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक का संचालन संगीता देवी ने किया ,बैठक में मुख्य रूप से प्रखंड साक्षरता समिति चौपारण के प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक मुकुंद साव उपस्थित थे,उपस्थित साक्षरता कर्मियो को संबोधित करते हुए मुकुंद साव ने कहा कि साक्षरता कर्मी 1996 से निस्वार्थ भाव से समाज कल्याण का कार्य करता आया है चाहे वह शत प्रतिशत मतदान कराना हो, पल्स पोलियो अभियान हो,स्वच्छता अभियान हो, कोरोना काल में कोरोना योद्धा के रूप में काम करना हो,या सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हो,जिसको धरातल पर उतरना हो इन सारे कार्यों को साक्षरता कर्मी करते आए है,इसी क्रम में आज विश्व महासागर दिवस का आयोजन किया गया है,कयोंकि मनावकृति से जल प्रदूषित हो रहा है,मुकुंद साव ने चर्चा में कहा कि महासागर भोजन, दवाओं के प्रमुख स्त्रोत और जीवमंडल का महत्वपूर्ण भाग है। इसलिए इनका संरक्षण बहुत जरूरी है। महासागरों का धरती की सतह पर ऊष्मा के चक्र का संतुलन बनाकर रखने में बड़ी भूमिका है। सामान्य तौर पर धरती से मानवजनित और अन्य चीजों से उत्सर्जित होने वाली ऊष्मा वायुमंडल में पहुंच जाती है जिसकी वजह से वायुमंडल गर्म होना शुरू हो जाता है, लेकिन काफी ऊष्मा को महासागर में अपने अंदर ले लेता है। इससे वायुमंडल और धरती पर ऊष्मा के दबाव में कमी आ जती है। इसके साथ ही महासागर की धरती के पर्यावरण की कई अहम प्रक्रियाएं और पारिस्थितिकी तंत्रों को संतुलित रखने में बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा किआज के दौर में धरती की तरह महासागरों को भी जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा है। इन खतरों से निपटने की आवश्यकता है। विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य महासागरों पर मानवीय कार्यों के प्रभाव को लेकर लोगों को जागरूक करना है। ताकि नागरिकों के एक विश्वव्यापी आंदोलन को विकसित किया जा सके,आज भीषण गर्मी से जन जीवन पस्त है,इसका मुख्य कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है,पानी दूर भागता जा रहा है,इससे राहत के लिए महासागर,बड़ी बड़ी नदियां ही है जो पानी को आप तक पहुंचा पा रही है,और पर्यावरण को संतुलित रख रही है पर मानव सागर और नदियों को प्रदूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है,जहां तहां,शौच करना,गंदा करना,घर का सारा कूड़ा कचरा नदियों और जल श्रोतों में डालना ,इससे सागर और नदी की पानी प्रदूषित हो जा रही है,हम सबको आज के दिन संकल्प लेना चाहिए कि तालाब,नदी,सागर,महासागर,अन्य जल श्रोतों को गंदा नही किया जाए ,ताकि जल प्रदूषित होने से बचे,इसके लिए सरकार की ओर से उठाया गया कदम प्रभावी नहीं हो पा रहा है इसलिए जन समुदाय को आगे आना होगा ताकि भविष्य में जल मिल सके,शुद्ध हवा मिल सके,पर्यावरण प्रदूषित होने से बचे,और जल श्रोत सभी अपने अस्तित्व में रह सके,बैठक में धन्यवाद ज्ञापन पूनम देवी ने किया।
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