पीएचई अधिकारियों की लापरवाही से शिल्पांचल में लगातार जल संकट
मैथन की जलाशय से आधा पश्चिम बर्दवान की प्यास बुझाने वाली कल्याणेश्वरी स्थित सरकारी संस्थान पीएचईडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट इन दिनों अधिकारियों के लापरवाही की दंश झेल रही है|
ऐसे में कहें तो पूरा संयंत्र आज भगवान भरोसे संचालित हो रही है|
ठेकेदारों पर निर्भर है पूरा विभाग
यूं तो विभाग में कई अभियंता व अधिकारी कार्यरत है|
किन्तु अधिकारी से लेकर अभियंता कार्यालय से हर वक़्त नदारद रहते है|
ऐसे में यहाँ की सरज़मीन पर आज ठेकेदारों की हुकूमत कायम हो चुकी है।
फलस्वरूप कभी पाईप फट जाना, तो कभी पम्प खराब हो जाना या अन्य त्रुटियाँ यहाँ आम बात हो चुकी है|
सरकारी पैसे की बंदरबाट यहाँ खुलेआम देखी जा सकती है
पिछले दिनों मुख्य सप्लाई पाईप फट जाने से कुल्टी,बाराबनी बिधानसभा, समेत नियामतपुर,आसनसोल आदि इलाकों में चार दिनों तक घोर जल संकट उत्पन्न हो गई थी|
आधे पश्चिम बर्दवान में पेय जल के लिए त्राहि त्राहि की स्तिथि उत्पन्न हो गई थी|
जल आपूर्ति के लिए क्षतिग्रस्त पाईप को दिन-रात मेहनत कर पुनः प्रभावित क्षेत्रो में जलापूर्ति बहाल की गई थी.
किन्तु सोमवार को पुनः पाईप में खराबी आ जाने से पूरा दिन शिल्पांचल में पेय जल प्रभावित रही।
किसी अधिकारी के निरीक्षण या मौजूदगी के बिना ठेकेदारों ने किया मरम्मती कार्य
अदद एक अधिकारी कार्य स्थल पर नहीं पहुचे, किन्तु ठेकेदारों द्वारा रिपेयरिंग कर दी गई|
ऐसे में क्या कार्य और क्या व्यय एक अनजान पहेली समान है|
सरकारी व्यवस्था की आज यहाँ खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है|
और इतना बड़ा जल संयंत्र आज भगवान भरोसे ही संचालित हो रहा है|
फिर गहरा सकता है जल संकट
पीएचई विभाग में जिस तरह की लापरवाही देखी जा रही है
उससे इतना तो तय है कि शिल्पांचल में फिर से कभी भी जल संकट गहरा सकता है।
-गुलजार खान( कल्यानेश्वरी )
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