वार्ड पार्षद शबाना परवीन मोहनपुर वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट पहुँची और फिल्टर बेड का किया निरीक्षण
मधुपुर 8 अगस्त। वाटर सप्लाई बंद होने के लगभग 20 दिनों बाद जब वार्ड पार्षद शबाना परवीन मोहनपुर वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट पहुँचीं तो फ़िल्टर बेड का हाल देख कर उनको बेहद मायूसी हुई।
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपनी मायूसी का इज़हार करते हुए बताया कि पी एच डी में कार्यरत करीब 20 लोगों को सरकार हर माह करीब पाँच से छः लाख रुपये वेतन देती है।
क्या ये सरकार की अपनी जेब का पैसा है यह जनता का पैसा है। जनता का पैसा और जनता को ही पानी की सुविधा नहीं। भले ही यह योजना 40 साल पुरानी है लेकिन इसकी देख रेख के लिए लोगों की कमी कभी नहीं हुई है। अगर पदाधिकारीगण ईमानदारी से इस योजना के काम में ध्यान देते तो यह बर्बाद नहीं होती।
अभी नदी में इतना पानी है कि लोगों का घरों में पानी रखने के लिए जगह नहीं बचती। लेकिन अफ़सोस, पदाधिकारियों का इरादा इस योजना के नाम पर केवल खानापूर्ति करना और अपना वेतन पाते रहना है, तभी ये लोग फण्ड की कमी की दुहाई देते रहते हैं।
फिल्ट्रेशन प्लांट में दो फ़िल्टर बेड हैं जिन में एक बिल्कुल ख़ाली और गन्दा पड़ा है। नदी का पानी लगातार वहाँ पहुँचाया जा रहा है लेकिन बेड जाम होने के कारण पानी बेड में जाने के बजाये बाहर ही बहजाता है ।
इस के अलावा क्लेरीफायर भी पानी को साफ़ करने का माध्यम है लेकिन उस में भी गंदगी भर जाने के कारण बेड तक पानी नहीं पहुँच पा रहा है, और यहाँ अफसर मानो गहरी नींद में सो रहे हैं।शायद ये नई योजना के शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं जिस का कुछ अता-पता नहीं है।
वार्ड पार्षद ने अनुमंडल पदाधिकारी से फिल्ट्रेशन प्लांट का निरीक्षण कर इस पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।उन्होंने उपायुक्त महोदय से भी इस ओर उचित कार्यवाही करने की गुजारिश की है।
Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View