कल कोर्ट के आदेश का इंतजार, संशय में प्रखंड के उम्मीदवार
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद पहले चरण का चुनावी प्रक्रिया शुरू भी हो चुका है। पहले चरण के लिए कई उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भी कर लिया है और कई उम्मीदवार नामांकन की तैयारी में लगे हैं। इन सबके बीच आगामी 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर आने वाले फैसले पर टिका हुआ है। उम्मीदवारों के लिए संशय का कारण महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर चुनाव स्थगित करना बना हुआ है। कई उम्मीदवारों ने तो अपना पत्ता भी नहीं खोला है। अगर सुप्रीम कोर्ट पंचायत चुनाव पर रोक नहीं लगाता है तो उम्मीदवारों के चेहरे पर खुशी बना रहेगा। अगर चुनाव पर रोक लगता है तो उम्मीदवारों की तैयारियों पर पानी फिर जाएगा।
करोना महामारी के दौरान पहले ही चुनाव दो वर्षों तक टलता आ रहा है। सभी की निगाहें आगामी 21 अप्रैल पर टिकी हुई है। मालूम हो कि राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को हटाकर चुनाव की घोषणा कर दिया। सरकार के फैसले के खिलाफ गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने जनहित याचिका दायर करते हुए ओबीसी आरक्षण की बात कहकर पंचायत चुनाव पर रोक लगाने का मांग किया है।
अभी आरक्षण को लेकर मामला न्यायालय में है और सभी प्रत्याशियों के दिलो-दिमाग में यह चल रहा है कि 21 अप्रैल को चुनाव टलने वाला है। क्योंकि पहले ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में चुनाव टल चुका है। अब देखना यह है कि झारखंड में क्या होने वाला है, अगर यह चुनाव टला तो सभी प्रत्याशियों के चेहरे पर मायूसी छा जाएगी। अब देखना यह है कि क्या निर्णय आता है प्रत्याशियों के लिए।

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