बिजली विभाग के कर्मचारी ने कहा सबको रखता हूँ जेब में

18 हजार रुपये बिजली का बिल
सलानपुर -पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत विभाग के सालानपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के एक कर्मचारी द्वारा ग्राहक के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला प्रकाश में आया है.भुक्तभोगी परिवार ने मामले को लेकर पश्चिम बर्धमान जिला विद्युत डीई को लिखित शिकायत कर इंसाफ की गुहार लगाई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सालानपुर ब्लॉक अंतर्गत आचड़ा पंचायत स्थित कुशुमकनाली निवासी गीतारानी मित्रा (50) ने बताया कि बिजली विभाग द्वारा अचानक ही एक मुश्त 18 हजार का बिल भेज दिया गया, चुकी विगत दिनों ही बिल भुकतान किया गया था. इसलिए 18 हजार की एक मुश्त बिल भेजने का कारण जानने के लिए अपने पुत्र काजल मित्रा को विद्युत कार्यालय भेजा था.
धक्के देकर तथा गाली गलौज कर भगाया
किंतु वहाँ कार्यरत काजल नामक एक कर्मचारी ने मेरे पुत्र को धक्के देकर तथा गाली गलौज कर कार्यालय से जबरन बाहर भेज दिया, साथ ही धमकी दी बिल आया है, तो भुकतान करना ही पड़ेगा तुम्हें कारण जानने का अधिकार नहीं है. जो करना है जिससे शिकायत करना है कर दो, सब को में जेब में रखता हूँ. इधर मामले को लेकर भुक्तभोगी परिवार काफी सख्ते में है और अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए पश्चिम बर्धमान जिला विद्युत अधिकारी से लिखित गुहार लगाते हुए कहा है कि उनका परिवार 18 हजार की बिल भुकतान करने की स्थिति में नहीं है.
एकल मामला या किसी एक व्यक्ति की शिकायत नहीं
विभाग द्वारा निरंतर दबाव और दुर्व्यवहार के कारण पीड़ित परिवार आत्महत्या के लिए बाध्य होंगे, जिसके लिए स्थानीय विद्युत कर्मचारी समेत पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत विभाग जिम्मेवार होगी. क्योंकि स्थानीय कमर्चारियों द्वारा अमर्यदित व्यवहार और एक मुश्त 18 हजार की बिल ने पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. गौरतलब है कि यह एकल मामला या किसी एक व्यक्ति द्वारा किया गया शिकायत नहीं है, बल्कि ऐसे सैकड़ों मामले देखने को प्राय: मिलते रहे है.
बिजली विभाग के उच्चाधिकारी बेपरवाह
अधिकांश तौर पर यह भी देखा जाता रहा है कि निम्न वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं के पास ही अनाप-शानप बिजली के बिल जाते है और जब ग्राहक बिजली कार्यालय पहुँचता है, यह जानने के लिए कि इतना अधिक बिल क्यों आ गया, तो बिजली विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के तरफ से एक ही जवाब मिलता है कि बिल आया है तो भरना ही पड़ेगा. आखिर यह कैसी दादागिरी है और क्यों है? इन घटनाओ की जानकारी होने के बावजूद भी विभागीय स्तर पर इस ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया गया और ना ही कभी उच्चाधिकारियों ने इसकी सुध ली.

अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें
Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें

Quick View