डायन प्रथा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, प्रचार वाहन को एडीएम लॉ एंड आर्डर ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
गुरुवार को अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) डॉ० कुमार ताराचंद ने समाहरणालय परिसर से डायन प्रथा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आमजनों को इस सामाजिक कुरीति के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से प्रचार-वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) ने बताया कि प्रचार-रथ के माध्यम से जिला के विभिन्न प्रखंडों, सुदूरवर्ती ग्रामों एवं शहरी क्षेत्रों में आम नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वारा” कार्यक्रम के दौरान भी इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि, डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के तहत किसी महिला को ‘डायन’ के रूप में पहचान करने वाले तथा पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्यवाही करने वाले को कारावास एवं जुर्माना से दंडित करने का प्रावधान है।
उन्होंने आमजनों से डायन बिसाही जैसी कुप्रथा पर विश्वास नहीं करने तथा अपने आसपास इस प्रकार की किसी भी घटना की जानकारी होने पर निकटतम पुलिस थाने से संपर्क करने की भी अपील की।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि ऐसी सामाजिक कुरीति पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सामाजिक जागरूकता बेहद जरूरी है। डायन प्रथा जैसी कुरीतियाँ ना केवल महिलाओं, बल्कि समाज को भी नकारात्मक विचारधारा से ग्रसित करती हैं। अंधविश्वास के कारण उत्पन्न इन कुरीतियों से महिलाओं को प्रताड़ित करना अपराध है। डायन बिसाही जैसी कुप्रथा के कारण आज समाज के गरीब तथा असहाय महिलायेंं सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रचार-वाहन एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आमजनों को डायन एवं उससे संबंधित कुप्रथाओं के प्रति प्रभावी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही उससे जुड़े लोगों पर होने वाली कानूनी कार्यवाही के बारे में बताया गया जायेगा।
मौके पर अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) डॉ० कुमार ताराचंद, उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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