जंगलों और पहाड़ों की गोद में बसा टुन्डी जम्मू कश्मीर की वादियों से कम नहीं, प्रकृति ने जैसे इसे करीने से सजाया है
धनबाद । प्रकृति ने झारखंड के धनबाद जिले के टुंडी को करीने से सजाया है। पहाड़ों की गोद में बसा ये गाँव हरे-भरे जंगलों के बीच जम्मू कश्मीर की वादियों से कम नहीं लगता। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये एक खूबसूरत जगह है।
धनबाद के टुंडी क्षेत्र में जब भी बाहर के लोग प्रवेश करते हैं, तो एक बार रुक कर यहाँ के जंगलों की हरियाली और पहाड़ों के साथ अपनी सेल्फी जरूर लेते हैं। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य हर आने-जाने वालों का मन मोह लेता है। टुंडी में जंगलों के बीच से गोविन्दपुर-गिरिडीह सड़क तथा पूर्वी टुंडी में गोविन्दपुर-साहेबगंज स्टेट हाइवे के बन जाने से शहरी इलाकों में रहनेवाले प्रकृति प्रेमी यहाँ आने के लिए मौका तलाशते रहते हैं।
टुंडी और पूर्वी टुंडी प्रखंड में कई स्थान ऐसे हैं, जिनका जिक्र किए बिना यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता की पूरी तस्वीर नहीं उभर सकती है। टुंडी के सुदूर छोर में बराकर नदी से सटे सिंदवारी घाट, लाहरबाड़ी घाट तथा पूर्वी टुंडी के कांसजोड़, बाजडीह, पालोबेड़ा में बहते पानी की कलकल धारा नदी के बीच में सफेद चट्टानों और पत्थरों से टकराकर आगे बढ़ते देखने का दृश्य बहुत ही मनमोहक है। साल के अंत में और नये साल के आगमन के साथ ही लोग टुंडी जैसी जगहों पर पिकनिक मनाने आते हैं।
प्राकृतिक खूबसूरती
टुंडी मुख्यालय से करीब 5 किमी पश्चिम में कोल्हर पंचायत के अन्तर्गत भगुडीह डैम तथा ऋषिभीठा के राजदहा जोड़िया पर बना चैकडैम, वहीं दक्षिणी टुंडी के बेगनरिया पंचायत अन्तर्गत गुवाकोला डैम पर बरसात के दिनों में पहाड़ से उतरकर पानी जमा होता है। उस पानी पर पहाड़ की परछाइयाँ लोगों का मन मोह लेती हैं।
गर्मकुंड
पश्चिमी क्षेत्र में स्थित चरक खुर्द का गर्मकुंड तो जिलेभर में प्रसिद्ध है। जहाँ ठंड में लोग गर्मी का आनंद लेने के लिए नहाने पहुँचते हैं। बराकर नदी के तट पर बसा सिंदवारीटांड़ में नदी किनारे लगे लंबे-लंबे पेड़ों से भरा हुआ जंगल किसी हसीन वादियों से कम नहीं। पूर्वी टुंडी का बेजड़ा और करमदाहा घाट का भी नजारा लोगों को लुभाने के लिए काफी है। पहाड़ी के ऊपर बसी रुपन पंचायत के रुपन में स्थित हाथियों की गतिविधियों को देखने के लिए बनाए गए वॉच टावर पर चढ़कर आदिवासी गाँवों को देखने का भी अलग रोमांच है।
मनमोहक दृश्य
पाँच एकड़ में फैले काजू पेड़ के बागान का नजारा भी काफी दिलचस्प है। बारकेतनी गाँव से सटा हुआ एक बेचिरागी स्थल है सोनापानी, जहाँ पहाड़ी के ऊपर स्थित है बूढ़ा शिव महादेव का मंदिर, यहाँ सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन ही मेला जैसा नजारा होता है और कई किमी तक लम्बी लग जाती है। वैसे रमणिक स्थलों की कमी नहीं है टुंडी में बस जरूरत है इन्हें पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा देने की।

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