पेयजल की समस्या का समाधान अब बिजली पर आकर टिक गई, लोगों में बढ़ रहा आक्रोश
लोयाबाद में पेयजल की समस्या का समाधान अब बिजली पर आकर टिक गई है। यही वजह है कि यहाँ के लोगों को 8 से 9 दिनों तक पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है। देरी से पयेजलापूर्ति से यहाँ के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोग अब सड़क पर उतरने की धमकी दे हैं ।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव सुनील पांडेय लगातार प्रयास कर थका हुआ महसूस करने लगा है। यहाँ की पयेजल की समस्या पुरानी है। पहले मोटर की कमी का हवाला दिया जाता था। विभाग का कहना था कि कमजोर मोटर के वजह से करकेन्द जलमीनार में पानी पूरी तरह से भरता नहीं था। अब यहाँ दो मोटर की व्यवस्था कर दी गयी है। लेकिन विभाग अब बिजली बार-बार कटने के रोना रहा है और देरी से जलापूर्ति की वजह बता रहा है।
ज्ञात हो कि लोयाबाद क्षेत्र के लोग वर्षों से माडा की जलापूर्ति पर निर्भर हैं । करकेन्द से पानी सप्लाई होती है। आरोप है कि लोयाबाद क्षेत्र को 8 से 9 दिनों में जलापूर्ति की जाती है। इससे उपभोक्ताओं में पानी को लेकर काफी परेशानी हो रही है। विभाग की माने तो पानी टंकी का लाइन ग्रामीणों की बिजली से अलग कर दिया जाए तो समस्सया कम हो सकती है। क्योंकि ग्रामीणों की विद्युत आपूर्ति में फ़ॉल्ट होने से बार-बार बिजली कटती है।
“पहले मोटर कमज़ोर था, अब दो मोटर लगा दिया गया है लेकिन इस समय बिजली बहुत कट रही है। यही कारण है कि जलापूर्ति समय पर नहीं जो पा रहा है। ” – पंकज कुमार झा, एसडीओ जलापूर्ति माडा, कुसुंडा ।
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