कोरोना से ठीक होकर घर लौटे मरीज ने सरकारी व्यवस्था की बताई हकीकत , जानकर चौंक जाएँगे
रानीगंज । रानीगंज के सुप्रसिद्ध इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर विजय कुमार गुप्ता , कोरोना पर विजय हासिल कर सकुशल अपने घर पहुंचे । फिलहाल वे होम क्वारंटाइन में है। उन्होने अपनी आपबीती को बड़े ही सहज सरल शब्दों में बताया । उन्होने कहा कि कोरोना से डरना नहीं बचना है । अपनी आपबीती और अनुभव को बताते हुए कहे कि मेरे साथ वहाँ अस्पताल कोई भी नहीं गया था । सिर्फ मेरे साथ अकेलापन और भय खा, लेकिन वहाँ मेरे साथ थी माँ और बहन , एक सेवाभाव से भरी नर्स के रूप में।
मुझे राजनीति बिल्कुल भी समझ नहीं आती पर कोविड मरीज़ होने के बाद के अनुभव से मुझे ये तो समझ आ गया कि हमारे कानो तक पर पहरा है। हमें सच्चाई दिखाई ही नहीं जाती है और ना ही सुनाई जाती है। चारों तरफ़ फ़ेक न्यूज़ का मलबा फैला हुआ है।
दुर्गापुर मलान दीघी स्थिति सानाका अस्पताल में मेरा कोकोविड-19 का इलाज हुआ। मैं भाग्यशाली महसूस करता हूँ की ऐसी सरकार और व्यवस्था का अनुभव मुझे मिला। कोई भी सरकार ये सेवा नहीं दे सकती जो मलानदीघी स्थित सानाका अस्पताल देने में सक्षम है। सरकार पैसे खर्च कर सकती है किंतु कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारी का इलाज सिर्फ़ पैसे से संभव नहीं।
मेडिकल से लेकर गैर मेडिकल और टेक्निकल से लेकर गैर टेक्निकल स्टाफ़, सफ़ाई कर्मचारी सभी लोग पीपीई किट जैसी बेहद ही कष्टकारी यूनफ़ॉर्म में लगातार जिस तरह से अपनी जान जोखिम में डाल कर सेवा दे रहे हैं, ये अतुलनीय है। ये लोग ही सरकार के प्रयास को सही रंग देने में लगे हैं। यहाँ मरीज़ की छोटी सी छोटी बातों का ध्यान रखा जा रहा है।
दिन में तीन से चार बार डाक्टर का विज़िट होता है। साफ़ सफ़ाई का भी बहुत ही ध्यान रखा जा रहा है। दिन में तीन से चार बार सफ़ाई कर्मचारी आते हैं और बाथरूम की सफ़ाई होती है। मरीज़ों के खाने में पौष्टिकता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। दूध से लेकर फल तक दिया जाता है। उन्होंने भाव भरे शब्दों में चंद पंक्तियाँ कही –
सच क्या है ? कोई खबर ही नहीं
खबर से थोड़ी भी ,सच ना निकाल पायें
इतने बेखबर भी नहीं !
चेहरों के ऊपर इतने चेहरे !
इतना बौना क़द हो गया कब ?
खबर ही नहीं!
कुछ लोग सेवा कर रहे हैं , तो कुछ राजनीति।

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