करौं प्रखंड स्थित चाँदचोरा से जयंती नदी तक भाया बराटांड़, गढ़वा और लकरछारा तक पथ जर्जर
करौं । सरकार एक तरफ आये दिन घोषणा करती है कि सभी गाँवों को मुख्य सड़क के अलावे प्रखंड मुख्यालय तक संपर्क पथ निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित है। मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र के करौं प्रखंड स्थित चाँदचोरा से जयंती नदी तक भाया बराटांड़, गढ़वा और लकरछारा तक पथ सांसद निशिकांत दूबे व पूर्व मंत्री राजपालिवर द्वारा शिलान्यास के बाद भी निर्माण का बाट जोह रहे हैं। उल्लेखनीय यह है कि इस सम्पर्क पथ से दर्जनों गाँवों के लोगों का एक मात्र आने-जाने का सहारा है।
जगह-जगह गिट्टी उखड़ जाने से दो पहिया ओर चार पहिया वाहनों की यातायात में भारी असुविधा होती है। बरसात के समय कई जगह जल जमाव के कारण तालाब सा दृश्य देखने को मिलता है। हाता के समीप किचड़मय स्थिति उत्पन्न होने से राहगीरों को खेतों ओर खेतों के मेड़ों पर चलने को मजबूर होना पड़ता है। प्रखंड मुख्यालय, बैंक, डाकघर, स्कूल, अस्पताल आदि आने-जाने का एक मात्र साधन है। इस रास्ते गुजरने में लोगों को दिन में ही तारे नजर आने लगता है।
गढ़वा गाँव के निवासी बास्की रवानी ने कहा कि इस रास्ते में जल जमाव ओर कीचड़ के चलते पैदल चलना मुश्किल होता है। सरकार जल्दी से निर्माण कार्य शुरू करें।
बेली देवी प्रतापपुर की बेली देवी ने आक्रोशित हो बोली कि रोगी को अस्पताल पहुँचाने के लिए कोई गाड़ी वाला नहीं आता है। इस रास्ते से प्रतिदिन कादा किचड़ के चलते लोग फिसल कर गिर भी जाते हैं। सड़क बन जाने से गाँव वालों को सुविधा होता।
भोला रवानी ने कहा कि धन कटनी के समय रोड उबड़ खाबड़ होने से बैल गाड़ी उलट जाता है। तब हमलोग माथे पर बीड़ा ढोने को मजबूर हो जाते हैं। सरकार गाँव वालों पर ध्यान ही नहीं देते हैं।
चाँदचोरा निवासी मनोज सिंह ने कहा कि शिलान्यास कर योंही छोड़ दिया गया है। सरकार निर्माण कार्य के दिशा में चुपचाप है। लॉकडाउन में सभी जगहों पर काम हो रहा है तो यहाँ पर क्यों नहीं।

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