जज उत्तम आनंद की मौत मामले में धनबादपहुँची सीबीआई की टीम ने गुरुवार को जगह-जगह तलाशी अभियान चला कर कई लोगों से की पूछताछ
जज उत्तम आनंद की मौत मामले में सीबीआई ने जाँच शुरू कर दी है। एएसपी विजय शुक्ला के नेतृत्व में धनबाद पहुँची सीबीआई की टीम ने गुरुवार को जगह-जगह तलाशी ली और कई लोगों से पूछताछ की, केस को टेकओवर करने के बाद बुधवार को ही सीबीआई ने मामला दर्ज किया है।
राज्य सरकार की अनुशंसा और हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने दर्ज किया है मामला । झारखंडसरकार की अनुशंसा और हाईकोर्ट के निर्देश पर दिल्ली सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 ने बुधवार को मामला दर्ज किया है। एएसपी रैंक के अधिकारी विजय कुमार शुक्ला मामले में अनुसंधान करेंगे। सीबीआई एसपी जगरूप एस सिन्हा के आदेश पर केस में जाँच के लिए 20 सदस्यीय एसआईंटी गठित की गई है।
एसआईटी में अलग से फोरेंसिक की टीम को भी शामिल किया गया है। जाँच टीम में बायोलॉजी, डीएनए प्रोफाइलिंग, फिंगर प्रिंट्स, फॉरेंसिक साइकोलॉजी और सेरोलॉजी विंग के एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं।
आईओ से केस डायरी लेगी सीबीआी, SIT से भी मिलेगी सीबीआईजज मौत प्रकरण के आईओ धनबाद सदर इंस्पेक्टर विनय कुमार से अब तक की जाँच की जानकारी लेगी। एफआईआर और केस डायरी की प्रतियाँ हासिल करेगी, फिर एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में गठित SIT से अब तक की जाँच की जानकारी ले सकती है। इस दौरान पुलिस और एसआईटी द्वारा संकलित साक्ष्यों को भी सीबीआई हासिल कर सकती है। अभी तक 5 हजार से अधिक पन्नों में जाँच रिपोर्ट तैयार हुई है। जिसे CBI को सौंपा जाएगा।
क्या है मामला
28 जुलाई की सुबह जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। वॉक के दौरान ऑटो की चपेट में आने से उनकी मौत हुई थी। लेकिन उसी दिन सीसीटीवी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा था कि एक ऑटो में बैठे लोग किनारे की तरफ ऑटो ले जाकर उत्तम आनंद को धक्का मार दिया था। घटना के बाद जज उत्तम आनंद की पत्नी के बयान पर धनबाद के सदर थाने में अज्ञात ऑटो चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने अबतक की जाँच में सुनियोजित हत्या से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं पाया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। मामले में झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। 30 जुलाई को झारखंड सरकार ने सीबीआई से जाँच कराने की अनुशंसा की थी। जिसके बाद सीबीआई ने केस को टेकओवर कर जाँच शुरू कर दिया है।

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