रामनवमी पर भड़की हिंसा के लिए इस गाने को ज़िम्मेवार माना जा रहा है
पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, भया ना पंडित कोय, ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय………..सतयुग से लेकर कलयुग, द्वापर से लेकर त्रेतायुग तक| महर्षि से लेकर पंडित और पास्टर से आलिम तक सभी ने प्रेम की वकालत की है, और मजहबी ग्रंथो को शांति दूत बताया है ऐसे में सड़कों पर मजहबी लड़ाई लड़ने वाले किस समुदाय के है……क्योंकि प्रेम करने वाले कभी लड़ते नहीं…..बीते 4 दिनों से शिल्पांचल की पावन धरती आज किसकी लहू से लाल है ? यहाँ की फिज़ाओ में बारूदी गंध क्यों है ? इस वर्चस्व की लड़ाई में किसे क्या हासिल हुआ ? अलबत्ता जिसने अपनों को खोया इसकी अनुभूति उन्हीं को है . गोलियों की तड़तडाहट के बीच अपने जान को जोखिम में डालने वाले एडीपीसी के जाबाज़ अधिकारी अरिंदम दत्ता चौधरी ने किसका क्या बिगाड़ा था ? जिन्होंने मानवता को बचाने खातिर बम को खुद पर झेल लिया और आज जिंदगी की जदो जेहद से लड़ रहे है…. उन्होंने भी एक मज़हबी किताब पढ़ी थी जिस किताब का धर्म उन्होंने बखूबी निभाया और वह किताब संविधान की थी जिसको आदर्श मानते हुए उन्होंने एकता, अखण्डता, और संप्रभुता की सपथ खाई थी…..। एक अधिकारी ने अपना धर्म निभाया और हम धर्म निभाते निभाते अधर्मी हो गए| चार दिनों से चल रहे इस सांप्रदायिक माहॉल में सोशल मीडिया ने और भी जहर डालने का काम किया है। यहाँ पर नेता से लेकर अभिनेता और अवाम से लेकर आम जनता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं । यानि कहे तो एक दंगा इन दिनों सोशल मीडिया पर भी जारी है, जिसे लगातार दूषित मन से सींचा जा रहा है| ऐसे में यहाँ की फिजा में अमन और शांति कब लोटेगी शिल्पांचल आज इसकी बाट जोह रही है|
टोपी वाला भी सर झुका के…….
जानकारों की माने तो एक विवादित गीत से बिगड़ी हालत ने आज यहाँ के लोगों को रोने पर विवश कर दिया है|”….. टोपी वाला भी सर झुका के………..” सार्वजनिक जगहों पर इस गीत के बोल ने लोगों को भडकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जानकारों की माने तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा रामनवमी पर शस्त्र प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध की जगह यदि इस भडकाऊ गीत पर प्रतिबन्ध लगाया जाता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती, एक आंकड़े के अनुसार रामनवमी पर 60 प्रतिशत विवाद इस गाने को लेकर उत्पन्न हुई है| यू ट्यूब पर इस गाने को अब तक 25लाख बार देखा जा चुका है।
अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें
Copyright protected
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View