श्रीराम का अनुशरण करे आज के युवा पीढ़ी
रानीगंज -रानीगंज के मुरली भवन में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के अंतिम दिन भगवान राम का अभिषेक एवं महाआरती का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राम कथा वाचक वृंदावन के श्री राम भाई ने कहा कि भगवान राम विजय श्री को प्राप्त होने के बाद भी अपने भक्तों एवं सहयोगियो का हमेशा ही अनुकरण किये, लंका पर विजय पाने के बाद भगवान तथा अयोध्या पहुँचने से पहले श्रीराम सभी वानर सेनाओं व अपने सहयोगियों, अपने हित मित्रों का अनुकरण करते हैं, उसके बाद ही वह अयोध्या के लिए जाते हैं, अर्थात भगवान राम के कथा से अनुकरणीय बात यह है कि बुरे दिन में भी जो साथ होते हैं उनका साथ अच्छे दिनों में भी होनी चाहिए.
ओमकारेश्वर के मठाधीश स्वामी विवेकानंद पुरी जी ने कहा रामकथा क्या है, हमें जीवन में इसे क्यों उतार लेना चाहिए. रामकथा के अंदर संस्कार है, यहाँ भाई से भाई का प्रेम, मित्र का प्रेम, पत्नी के साथ प्रेम, भक्तों के साथ प्रेम दिखाया गया है. जब भगवान को अभिषेक के लिए राजतिलक दी जा रही थी उस समय भगवान तिलक लेने से इनकार कर देते हैं, क्योंकि उन्होंने केवट से वायदा किया था, की राजतिलक मैं तुम्हारी उपस्थिति में लूंगा अर्थात भगवान यहाँ केवट का भी मान रख रहे है.
भगवान प्रेम के भूखे हैं भक्ति के भूखे हैं वरना शबरी के बेर खाकर इतना खुश नहीं होते. उन्होंने प्रसंगवश कहा कि रामकथा की आज अति आवश्यकता है क्योंकि आज हम क्लेश, भेदभाव, मतभेद के साथ इस युग में प्रवेश कर चुके हैं जो व्यक्ति इसका अनुकरण करेगा उनका भला होना तय है, क्योंकि राम नाम ही सत्य है. कार्यक्रम के अंत में संयोजक राजेंद्र प्रसाद चौधरी ने अभिवादन करते हुए भाव विभोर शब्दों में कहा ईश्वर ने हमें अवसर प्रदान किया कि हम श्रीराम कथा करवाने में समर्थ हुए हैं और जब कभी भी ऐसी जरूरत पड़े हम लोग साथ होंगे.
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