स्क्रैप खरीददार ने चिरेका आरपीएफ़ पर लगाए गंभीर आरोप कहा सिंडीकेट का विरोध करने पर प्रवेश बंद कर दिया जाता है
चिरेका से चोरी हो चुकी है 23 लाख के ताँबे
चित्तरंजन : चिरेका जीएसडी विभाग से 23 लाख के ताँबे चोरी के बाद विगत दिनों से चिरेका जीएसडी विभाग सुर्खियों में है। चोरी हुए ताँबे हावड़ा के लिलुआ में एक निजी गोदाम से छापेमारी के दौरान आरपीएफ अधिकारियों ने बरामद किया था।
हावड़ा से आरपीएफ के जाँच दलों ने इस मामले में जीएसडी विभाग के एक अधिकारी सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। साथ ही कई लोगों से पूछताछ भी हो चुकी है। मामले की जाँच पूर्व रेलवे के हावड़ा जोन के अधिकारी कर रहे हैं। लेकिन चिरेका आरपीएफ द्वारा इस मामले का हवाला देकर कई ख़रीदादर को परेशान करने का मामला प्रकाश में आया है।
सिंह इंटरप्राइजेज के मालिक बलराम सिंह को शॉप इंस्पेक्टर प्रभारी आर के यादव ने जीएसडी विभाग में प्रवेश पर रोक लगा दी है। । बलराम सिंह का कहना है चिरेका में सिंडिकेट चलता है बड़े-बड़े कंपनी का पावर एट्रोनि सिंह इंटरप्राइजेज के पास होने के कारण प्रतिद्वंद्वी लगातार पीछे पड़ा रहता है।
यहाँ बड़े पैमाने पर सिंडिकेट चलता है, जिसका विरोध करने पर एकजुट होकर आरपीएफ से जीएसडी विभाग में अंदर जाने का आदेश निरस्त करवाया गया। साथ ही मुझे प्राईम अपराधी कहकर लिखा है। कोई न्यायलय और संविधान से ऊपर नहीं है। अगर इसी तरह की मनमानी चलती रही तो अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
फिलहाल इसकी शिकायत रेलवे मंत्रालय सहित आरपीएफ एक उच्च अधिकारियों को ऑनलाइन व ट्विटर के माध्यम से की गई है। जवाब में जांच करने की बात कही गई है। मामले में चिरेका में शॉप प्रभारी इंस्पेक्टर आर के यादव ने कुछ बोलने से इंकार कर दिया।
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