झारखंड नंबर ऑटो धरपकड़ के खिलाफ चालकों में आक्रोश , सड़क जाम , पुलिस के खिलाफ नारेबाजी
आसनसोल आरटीओ के खिलाफ लगाए नारे
रूपनारायणपुर । मिहिजाम नगर परिषद क्षेत्र के 20 नंबर वार्ड हांसी पहाड़ी से मात्र दो कदम दूर चित्तरंजन-रूपनारायणपुर मुख्य मार्ग सोमवार को दिन भर जाम और हंगामेदार रहा ।
झारखंड नंबर लेकर वर्षों से ऑटो चला रहे स्थानीय युवकों ने आरटीओ के खिलाफ सड़क जाम कर दिया जिससे रूपनारायणपुर तथा चित्तरंजन सड़क के दोनों ओर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गई। बसों से उतरकर यात्री अपने गंतव्य तक पैदल ही चल पड़े।
जब्त ऑटो छोड़ने की मांग पर अड़ गए ऑटो चालक
घटना की सूचना पाकर रूपनारायणपुर पुलिस इन्वेस्टिगेशन सेंटर के प्रभारी सिकंदर आलम मौके पर पहुँचे तथा विरोध कर रहे ऑटो चालकों को समझा-बुझाकर थाना में चलकर शांतिपूर्वक वार्ता करने की बात कही लेकिन ऑटो चालक नहीं माने। ऑटो चालकों ने मांग किया कि जब तक हमारी जब्त किए गए ऑटो को नहीं छोड़ा जाएगा तब तक हम लोग सड़क जाम नहीं हटायेंगे। काफी समझाने के बाद वे बातचीत के लिए थाने गए लेकिन बात नहीं बनने पर पुनः वापस आकर सड़क जाम कर दिया , समाचार लिखे जाने तक सड़क जाम थी ।
घटना के संबंध में ऑटो चालक जोड़वाड़ी निवासी आनंदी यादव ने बताया कि सोमवार को रांची मोड़ के पास जब मैं जलटंकी से चित्तरंजन की ओर खाली आटो लेकर जा रहा था तो एक बोलेरो ने ओवरटेक करते हुए मेरे गाड़ी के सामने खड़ा कर दिया जिससे मैं दुर्घटना में बाल-बाल बच गया। गाड़ी से उतरकर दो-तीन लोग मेरे गाड़ी में जबरन बैठ गये और ऑटो को रूपनारायणपुर पुलिस थाने ले जाने के लिए कहने लगे और मेरी गाड़ी लेकर थाना चल दिये।
आटो चालक जगन्नाथ साईं ने बताया कि जलटंकी में आज मैं एक होटल में खाना खा रहा था तभी गाड़ी को पकड़कर रूपनारायणपुर थाना ले जाया गया। यहाँ का आरटीओ मनमाना कर रही है जिसे इलाके के डेढ़ हजार ऑटो चालक बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हिंदुस्तान कारखाना में रोज चोरी होती है लेकिन पुलिस उसे नहीं पकड़ती है
उसने कहा कि हम लोग बेरोजगार हैं किसी तरह से वाहन खरीद कर अपना परिवार चलाते हैं । हिंदुस्तान कारखाना में रोज चोरी होती है लेकिन पुलिस उसे नहीं पकड़ती है। लेकिन हम बेरोजगारों को यहाँ का प्रशासन परेशान कर रहा है। विकास राउत ने बताया कि हम लोग बंधन बैंक से लोन लेकर ऑटो खरीदा है। इसी तरह से हो तो चला कर गुजर-बसर कर रहे हैं हम बेरोजगारों को देखने वाला कोई भी नहीं है । चारों तरफ चोरी की घटना हो रही है लेकिन उसे पकड़ने वाला कोई नहीं जबकि हम जैसे बेरोजगारों को परेशान किया जा रहा है । हम लोग बंगाल-झारखंड की सीमा पर रहते हैं अब हमारे ऑटो झारखंड नंबर का है तो उसमें क्या अपराध है । 8 किलोमीटर की सीमा के भीतर तक ऑटो चलाने का नियम है बावजूद आरटीओ यहाँ के ऑटो चालकों को परेशान कर रही है। अगर प्रशासन यहाँ कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो हम लोग बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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