आरएसएस द्वारा देशव्यापी भूमि सुपोषण व संरक्षण हेतु जन अभियान 13 अप्रैल से
साहिबगंज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा देशव्यापी “ भूमि सुपोषण व संरक्षण” हेतु जन अभियान का आरंभ आगामी 13 अप्रैल 2021 अर्थात भारतीय नववर्ष की पहली तिथि से शुरू होने जा रहा है ।
उक्त जानकारी देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साहिबगंज विभाग प्रचारक बिगेंद्र कुमार ने बताया कि सन 1960 से ही कृषि उपज बढ़ाने के उद्देश्य से निरंतर रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक इत्यदि का प्रयोग किया जाता रहा है। जिससे भूमि की गुणवत्ता बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा पूर्व के रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक के निष्प्रभावी हो जाने पर नए नए किस्म के रसायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग होने लगा है। जिससे उपज तो प्राप्त हो जाता है, लेकिन गुणवत्ता समाप्त हो जाती है। इससे ना केवल पर्यावरण दूषित होता है, बल्कि रोज नई-नई बीमारियाँ भी पैदा हो रही है। जिससे मानव एवं पशु -पक्षियों के आंतरिक प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो रही है। प्लास्टिक एवं थर्माकोल के कचरे से भी भूमि की अत्यधिक हानि हो रही है।
उन्होंने कहा 1960 के पूर्व किसान केवल देशी गाय के गोबर, गोमूत्र, कृषि उपज से प्राप्त कचरे, खरपतवार इत्यादि की खाद का ही प्रयोग किया करते थे, जो सस्ता होने के साथ ही इससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती थी तथा विविध देशी प्रजाति के ऊपज पैदा होते थे। यह मानव स्वास्थ्य एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता तथा आश्रित पशु पक्षियों के स्वास्थ्य के अनुकूल था। भारतीय कृषि पद्धति का उल्लेख वैदिक ग्रंथ “कृषि पाराशर” में भी मिलता है। तब महंगी रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती थी। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने “माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या” मंत्र का अनुसरण करते हुए भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु जन अभियान चलाने का निश्चय किया है। इस अभियान से जुड़े कार्यकर्ता अलग-अलग गाँव में जाकर सामूहिक रूप से किसान परिवारों को एकत्रित कर श्रद्धा भाव से भूमिपूजन कराएंगे। साथ ही भूमि सुपोषण एवं संरक्षण में उनकी भूमिका को लेकर जागरूक करेंगे तथा संकल्प भी कराएंगे।
उन्होंने कहा “भूमि सुपोषण व संरक्षण” राष्ट्र के प्रति, समाज के प्रति, भूमि के प्रति व संपूर्ण प्राणी मात्र के प्रति हमारा उत्तरदायित्व है। ऐसा बोध कराने का यह संकल्प है, जो आगामी गुरु पूर्णिमा उत्सव तक जारी रहेगा।

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