आवास के लिए भटक रहै हैं पुजारी दंपत्ति, मुश्किल हालातों में गुजर-बसर कर रहे जिंदगी
पूर्व बर्द्धमान। एक और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गरीब सनातन ब्राहमण पुजारियों को घर मुहैया कराने और ₹1000 मासिक भत्ता देने का योजना चलाई जा रही है। दूसरी ओर कुछ ऐसे भी सनातन ब्राहमण पुजारी गरीब है। जिन्हें सरकारी आवास योजना के आवेदन के बावजूद आवास नहीं मिल रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के ही खा रहे हैं। पंचायत, प्रशासन, अधिकारी की मिलीभगत से गरीब आवास से वंचित है।
पूर्व बर्द्धमान जिले के गलसी थाना अंतर्गत गली ग्राम निवासी पुजारी दंपत्ति भी इन्हीं हालातों में जिंदगी बसर कर रहे हैं। पूर्व बर्द्धमान जिले के गलसी थाना व गलसी एक नंबर ब्लॉक अंतर्गत गली ग्राम में पुजारी त्रिपुरारी मुखोपाध्याय का एक संकरी सी गली में उनका एक झोपड़ी नुमा घर है। घर में उनकी पत्नी आशा देवी व दो नाबालक संतान के साथ मिट्टी के छोटे से कमरे में दिन गुजारनी पड़ रही है। दंपत्ति गर्मी, बरसात, ठंड के मौसम में बरसो से अपना जीवन बिता रहे हैं।
पुजारी त्रिपुरारी बाबू पूजा पाठ करके अपने परिवार का किसी तरह भरण पोषण कर रहा है। विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गरीब सनातन ब्राहमण पुजारियों को आवास और भत्ता देने की योजना शुरू होते ही उनको अपने लिए आवाज की उम्मीद लगी। इसी आशा को लेकर पुजारी त्रिपुरारी मुखोपाध्याय ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फार्म भरा था। जब कई महीना तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई तो स्थानीय पंचायत, इलाके के नेता व जनप्रतिनिधि के द्वारे द्वारे चक्कर लगाए। पर कोई बात नहीं बनी। इससे थक हार कर त्रिपुरारी घर पर बैठ गया है।
पिछले वर्ष चक्रवात आमफान में घर क्षतिग्रस्त हो गया था। बुधवार को चक्रवाती यास के प्रभाव के कारण घर में रहने का साहस नहीं जुटा पाए। त्रिपुरारी बाबू अपने स्त्री आशा देवी और दो संतान को भी लेकर अन्य जगह सहारा लेना पड़ा। योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के ही खा रहे हैं। पुजारी त्रिपुरारी मुखोपाध्याय का कहना है कि गत वर्ष चक्रवात आमफान से घर क्षतिग्रस्त हो गया था। उसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फार्म भरा था। लेकिन अब तक उसे कोई पैसा नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आमफान आँधीसे इलाके में हुई क्षतिग्रस्त परिवारों को सरकारी आवास योजना के तहत पक्का घर का निर्माण हो चुका है। लेकिन हमें गलसी एक नंबर ब्लॉक प्रशासन और स्थानीय पंचायत के चक्कर लगाने के बावजूद भी अब तक आवास नहीं मिल पाया है।
इस संबंध में गलसी एक नंबर ब्लॉक के वीडियो देवलीना दास का कहना है कि मैंने कई महीना पहले ही गलसी वीडियो का पदभार संभाला है। यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इसकी जाँच कराई जाएगी, अगर आवेदन में कहाँ दिक्कत आई थी। पता लगा कर पीड़िता दंपत्ति की मदद की जाएगी।. निज संवाददाता, रमेश कुमार गुप्ता, पूर्व बर्द्धमान
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