welcome to the India's fastest growing news network Monday Morning news Network
.....
Join us to be part of us
यदि पेज खुलने में कोई परेशानी हो रही हो तो कृपया अपना ब्राउज़र या ऐप का कैची क्लियर करें या उसे रीसेट कर लें
1st time loading takes few seconds. minimum 20 K/s network speed rquired for smooth running
Click here for slow connection


छिटपुट घटनाओं को छोड़ बाराबनी विधानसभा में शांतिपूर्ण हुआ मतदान

सालानपुर/बाराबानी। आसनसोल लोकसभा उपचुनाव मंगलवार को बाराबनी विधानसभा के सालानपुर एवं बाराबानी ब्लॉक में छिटपुट घटनाओं के साथ कुल मिलाकर शांतिपूर्ण मतदान हुआ। सुबह 7 बजे से सभी बूथों मतदान प्रारंभ किया गया। हालांकि सालानपुर ब्लॉक अंतर्गत बॉसकटिया बूथ संख्या 44 में मतदान प्रारंभ होने के पूर्व ही ईवीएम खराब होने से 2 घंटा विलंब से मतदान शुरू हुआ। बाराबानी ब्लॉक अंतर्गत जामग्राम कापिस्टा गाँव में भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पॉल को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बताया जाता है कि इस दौरान भाजपा नेता अरिजीत रॉय के वाहन में तोड़फोड़ एवं अंगरक्षकों के साथ मारपीट की बात कही जा रही है। इस दौरान बाराबानी माजियाड़ा में राज्य सरकार पुलिस एवं केंद्रीय पुलिस बल द्वारा मीडियाकर्मियों की वहनों को प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिससे मीडियाकर्मियों और पुलिस में जमकर नोक-झोंक हुई, हालांकि मीडियाकर्मियों को रोकने के कारण का अधिकारियों ने संतोषजनक जवाब नहीं दे सका पूरे प्रकरण में केंद्रीय पुलिस भी राज्य पुलिस की सुर में सुर मिलाते हुए नज़र आए।


मतदाताओं को मोबाइल साथ नहीं ले जाने के कारण प्रभावित हुआ मतदान

आसनसोल लोकसभा उपचुनाव के दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर लगभग सभी बुथों पर मतदान के दौरान मतदाताओं को साथ में मोबाईल फोन साथ ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। आम जिंदगी में जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है मोबाईल आज हर किसी के पास है। ऐसे में केंद्रीय वाहिनी द्वारा मोबाईल बाहर रखकर ही अंदर बूथ में प्रवेश करने की फ़रमान जारी कर दिया गया। हालांकि इस फरमान से नाराज़ होकर कुछ लोग बिना वोट दिए ही लौट गए।

निर्वाचन आयोग द्वारा निर्गत पत्रकारों का पहचान पत्र बना झुनझुना

सालानपुर। लोकतंत्र का राग और पत्रकार को चौथा स्तम्भ का खिताब अब महज़ एक मज़ाक बन चुका है। चुनाव के पूर्व पत्रकारों को लाइन में लगकर और धक्का खाकर निर्वाचन आयोग द्वारा पहचान पत्र बनवाना पड़ता है। फिर उसी पहचान पत्र का ओकात मतदान के दिन पता चल जाता है। जब चुनाव अधिकारी और केंद्रीय बल उस पहचान पत्र को देखकर भी पत्रकारों के साथ कुत्तों जैसा व्यवहार करते है। अब सवाल यह उठता है कि पत्रकार को भी चुनाव अधिकारी और केंद्रीय वाहिनी की तरह सम्मान मिलना चाहिए अन्यथा, चौथा स्तम्भ अर्थात पत्रकार को एक कानून बनाकर चुनाव के दायित्व से मुक्त कर देना चाहिए, मंगलवार को दिन भर फ़ोटो नहीं खीचना है, वीडियो नहीं बनाना है, गाड़ी हटाइए, पोलिंग प्रतिशत नकहि बताएंगे। अब चुनाव आयोग के निष्ठावान अधिकारियों से सवाल पूछना चाहता हूँ, आप ही बता दीजिए पत्रकारों को क्या करना चाहिए, चुनाव आयोग और अधिकारियों की व्यवस्था लोकतंत्र में राजतंत्र की अनुभूति कराती है।

Last updated: अप्रैल 12th, 2022 by Guljar Khan
Guljar Khan
Correspondent : Salanpur/Chittranjan/Barabani (Pashchim Bardhman: West Bengal)
अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें

पाठक गणना पद्धति को अब और भी उन्नत और सुरक्षित बना दिया गया है ।

हर रोज ताजा खबरें तुरंत पढ़ने के लिए हमारे ऐंड्रोइड ऐप्प डाउनलोड कर लें
आपके मोबाइल में किसी ऐप के माध्यम से जावास्क्रिप्ट को निष्क्रिय कर दिया गया है। बिना जावास्क्रिप्ट के यह पेज ठीक से नहीं खुल सकता है ।
  • ट्रेंडिंग खबरें
    ✉ mail us(mobile number compulsory) : [email protected]
    
    Join us to be part of India's Fastest Growing News Network