पुष्पा भालोटिया हत्याकांड का विरोध करने से ऐतराज है रानीगंज पुलिस को
हत्या के करीब एक महीने बाद दर्ज हुयी प्राथमिकी
रानीगंज थाने में दर्ज कराई गयी प्राथमिकी के अनुसार झारखंड के बोकारो जिला के बनवारी लाल अग्रवाल की बेटी पुष्पा भालोटिया की हत्या 5 अक्टूबर 2017 को उसके सासुराल वालों द्वारा ससुराल में कर दी गई थी। पीड़ित आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के अन्तर्गत रानीगंज थाना के एक समृद्ध उद्योगपति भक्तिराम भालोटिया की पुत्रवधू थी। इस हत्या को आत्महत्या में बदलने के लिए राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव का खुल कर दुरुपयोग किया गया था जिस कारण एफ आई आर दर्ज करने में भी एक महीने से ज़्यादा का समय लगा। यह प्रथिमिकी भी पुलिस ने दर्ज नहीं की बल्कि मृतक के परिवार द्वारा दर्ज करायी गयी है. होना यह चाहिए था कि रानीगंज पुलिस को स्वतः ही इस हत्या मामले पर प्राथमिकी दर्ज करती
इलाके के सभी सामजिक एवं मानवाधिकार संस्थाओं को सांप सूंघ गया है
हत्या को आत्महत्या में बदलने का प्रभाव इतना प्रभावशाली था कि हत्या के एक महीने तक क्षेत्र की एक भी समाजिक संगठन इस हत्या का विरोध तक नहीं कर पाई। करीब डेढ़ महीने बाद रानीगंज की एक सामाजिक संस्था ने विरोध में शोक सभा आयोजित की. बाकी संगठन अब भी शुतुरमुर्ग की तरह बालू में गर्दन गाड़े हुए हैं.
विरोध के लिए गठित हुआ ज्वाइंट एक्शन कमेटी
राज्य के बाहर के कुछ समाजिक कार्यकर्ता इस हत्या को आत्महत्या में बदलने वाली षढ़यंत्र पर कड़ी नजर रखने के साथ-साथ आर टी आई द्वारा जानकारी लेने में जुटे रहे , जब पुलिस द्वारा आर टी आई से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तब कई समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा ज्वाइंट एक्शन कमेटी का गठन कर इस षढ़यंत्र के विरुद्ध कई सरकारी विभागों को पत्र लिखा गया ताकि पुलिस निष्पक्ष जांच कर हत्यारों एवं आरोपियों को धर दबोचे, लेकिन पुलिसिया लापरवाही ने इस हत्या की जांच को पूर्ण रूप से प्रभावित किया. जिस कारण निष्पक्ष जांच करने के बजाये इस हत्या पर कार्रवाई ढीली कर दी गई।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने किया संघर्ष का ऐलान
ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा 23 नवंबर 2017 को कलकत्ता प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता द्वारा नामजद अभियुक्तों की एक सप्ताह के अंदर गिरफ्तारी , षढ़यंत्रकारियों को धर दबोचने समेत हत्या के कारणों का पर्दाफाश करने की अपील की गई थी। साथ ही यह भी घोषणा की गई कि यदि पुलिस एक सप्ताह के अंदर नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं करती है तो 30 नवंबर 2017 को ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा रानीगंज में एक विरोध प्रदर्शन की जाएगी। संभवत: पुलिस ने यह फैसला कर लिया था कि कुछ भी हो हम ना तो निष्पक्ष जांच करेंगे और ना ही कोई शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन होने देंगे चाहे संविधान द्वारा प्रदत अधिकारों का हनन ही क्यों ना हो।
रानीगंज पुलिस ने नहीं दी विरोध-प्रदर्शन की अनुमति, मिलियन स्माइल ने जताया विरोध
इसलिए जब ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा आयोजित होनी वाली 30 नवंबर 2017 की शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए क्षेत्रीय समाजिक संगठन “मिलियन स्माइल” द्वारा अनुमति मांगी गई तो रानीगंज पुलिस ने अनुमति देने से सीधा इनकार कर दिया। “मिलियन स्माइल” ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की रानीगंज पुलिस के इस मनमाने रवैया से यह साफ पता चलता है कि हत्या करो, पैसे दो, आत्महत्या का सर्टिफिकेट पाओ। प्रेस विज्ञप्ति में पुलिसिया व्यवस्था पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर पुलिस न्यायपूर्वक जिम्मेदारी से जांच करती तो अबतक कई सफेदपोश भी बेनकाब हो गए होते , लेकिन न्याय को खरीदने वाले धन्नासेठों ने अपनी आर्थिक और राजनीतिक अकड़ और पकड़ से भ्रष्ट व्यवस्था को और भी कलंकित किया है। हत्या को आत्महत्या में बदलने की प्रयास करने वाली भ्रष्ट व्यवस्था अपने विरुद्ध उठने वाली हर आवाज़ को दबा देना चाहती है . चाहे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन ही क्यूं ना हो, चाहे संविधान द्वारा प्रदत अधिकारों को कुचलना ही क्यूं ना पड़े । चाहे कानून का खुल्ला मज़ाक ही क्यू नही उड़ना पड़े। यह हाल है कानून के रखवालों की।
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