मिट्टी तले दबी करोड़ों की योजना
मोहलबनी घाट आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है, किन्तु नगर निगम द्वारा की जा रही बदइन्तजामि आज इसके लिए नाकाफी साबित हो रही है, कितने आशा व आश्वासन के बाद इस मोहलबनी घाट का जीणोद्धार किया गया है, यह आज किसी से छुपा हुआ नहीं हैं और नगर निगम इस सौंदर्यकर्ण को धूमिल करने पर तुला हुआ है, कौन हैं इसका जिम्मेदार और कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी, जबकि नगर निगम यहाँ शुल्क के नाम से 500 रुपये की वसूली भी करती है।
बिजली व्यवस्था भी ढाक के तीन पात के बराबर ही है, यहाँ आनेवालों आगंतुकों को किसी प्रकार से कोई भी सुविधा प्राप्त नहीं मिलती हैं, ऐसा यहाँ पर आनेवालों ने बताया इस सन्दर्भ में जब स्वछता पर्यवेक्षक राजीव कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हाँ कुछ कमी हैं किन्तु कल से साफ सफाई करवाई जायेगी जबकि मकर संक्रांति की पर्व नजदीक हैं। अगर यही रवैया नगर निगम का रहा तो इस मोहलबनी घाट के सौंदर्य पर जरूर से ग्रहण लग जाएगा मकर संक्रांति पर्व में श्र्धलुओ की भारी भीड़ इस मोहलबनी घाट पर लगती हैं अब देखना होगा की नगर निगम कब इस ऐतिहासिक धरोहर को साफ सफाई करती या करवाती है।
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