कल्यानेश्वरी में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है, पंचमुखी महाकाल हनुमान मंदिर
कल्यानेश्वरी। माँ कल्यानेश्वरी मंदिर के निकट विराजमान श्री श्री पंचमुखी महाकाल संकट मोचन हनुमान मंदिर आस्था और श्रद्धा का प्रतिक है, माँ कल्यानेश्वरी मंदिर में पहुँचने वाले श्रद्धालु एक बार अवश्य ही इस संकट मोचन मंदिर में श्रद्धासुमन अर्पित कर आस्था के साथ सर झुकाते है।
इस पंचमुखी मंदिर को आप कल्यानेश्वरी मे अनदेखा कर ही नही सकते चुकी तीन दिशाओं से कल्यानेश्वरी आने वाली सड़क इस मंदिर की द्वार पर ही समाप्त होती है, ऐसे में भक्तों पर स्वयं ही आशीर्वाद की कृपा हो जाती है।
प्रतिवर्ष रामनवमी पर यहाँ भब्य अखंड रामधुन यज्ञ, पूजा के साथ भंडारा का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर दूर से श्रद्धालु यहां पहुँचते है, हनुमान जयंती पर भी इस मंदिर प्रांगण में विशेष आयोजन किया जाता है।
मंदिर की अस्तित्व और स्थापित की बात करें तो संकर खेपा इस मंदिर के मुख्य सेवादार रहे, अपनी मृत्यु उपरांत तक पंचमुखी हनुमान की सेवा करते रहे, उन्होंने इस मंदिर की ख्याति को दूर दूर तक पहुँचाया, जिसके कारण आज भी आस पास के राज्यों से श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए यहाँ पहुँचते है।
शंकर खेपा की अचानक मृत्यु के बाद उनके छोटे पुत्र राजेश प्रसाद उर्फ फत्तू पिता की सेवादारी को गति देने का काम कर रहे हैं।
वही पंचमुखी हनुमान मंदिर कमिटी भी रामनवमी एवं अन्य अवसर पर पूरी निष्ठा निछावर कर देते है, इस दिन पूरी कल्यानेश्वरी क्षेत्र को दुल्हन की तरह सजाया जाता है, इस मंदिर की चौखट पर सभी धर्मों के लोग एकजुटता के साथ आयोजन में भाग लेते है, भेदभाव उचनीच की बेड़ियों को यहाँ टूटते देखा जा सकता है, इस महान परंपरा और सद्भावना ही इस स्थान को सर्वोपरि बनाती है।

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