झूठ तंत्र से भारतीयों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है पाकिस्तानी मीडिया
26 फरवरी को पाकिस्तान में एयर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मैंने पहली बार पाकिस्तानी मीडिया को यूट्यूब पर देखा वह भी एक मित्र के बताने पर। वास्तव में मुझे मालूम ही नहीं था कि बड़ी संख्या में भारतीय पाकिस्तानी चैनलों को लाइव यूट्यूब पर देख रहे हैं।मैं उस लाइव स्ट्रीम के कमेंट्स को देख रहा था । किसी मशीनगन की गोली की तरह धड़ा-धड़ कमेन्ट आ रहे थे । उनके कमेन्ट देख कर समझ आ रहा था कि ये सभी भारतीय ही है। कमेन्ट की संख्या लाख से ऊपर थी। जहां तक मैं समझता हूँ कि एयर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारतीय युवा पाकिस्तान मीडिया में मातम देखना चाह रहे थे ।
भारतीय दर्शकों की भारी मौजूदगी को ताड़ गयी है पाकिस्तानी मीडिया और वहाँ की सेना
पाकिस्तानी मीडिया और वहाँ की सेना इस बात को निस्संदेह समझ गयी कि बड़ी संख्या में भारतीय उन्हें देख रहे हैं और उन्होने इसका फायदा उठाने की कोशिश कि और भ्रमित करने वाले खबरें प्रसारित करना शुरू कर दिया जैसा उसने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद किया था। पहले तो हमले को ही झुठलाया और बाद में नुकसान को झुठलाया।
भारतीयों के जरिये भारत में प्रोपोगैंडा फैला रही है पाकिस्तानी मीडिया
यूट्यूब पर पाकिस्तानी चैनल को लाइव देखकर थोड़ी ही देर में मैं समझ गया कि ये पाकिस्तानी एंकर असल में पाकिस्तानियों के लिए बक-बक नहीं कर रहे हैं बल्कि वे एक प्रोपोगैंडा के तहत भारतीयों के दिमाग में उल्टी बातें डालने की कोशिश कर रहे हैं। अब मैं समझ गया कि उरी हमले के बाद हुये सर्जिकल स्ट्राइक पर भारतीय बुद्धिजीवी तबके में इतनी खलबली क्यों थी और राजनीतिक पार्टियों के साथ वे भी सबूत क्यों मांग रहे थे। उन्हें अपनी सेना पर क्यों विश्वास नहीं था।
पाकिस्तानी प्रोपोगैंडा का शिकार हो रहे हैं भारतीय बुद्धिजीवी और विपक्षी नेता
दरअसल वे उस समय भी पाकिस्तानी प्रोपोगैंडा का शिकार हो गए थे। यूट्यूब पर पाकिस्तानी चैनल को देखने वाले इन लोगों के दिमाग उल्टी बातें डालने में उस वक्त पाकिस्तानी एंकर सफल हो गए थे । उन्हें इस बात का पूरा भरोसा था कि इस बार भी ऐसा ही होगा लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इसका कारण है भारत की आम जनता जिनको देश की सेना पर अटूट विश्वास है । सेना से सबूत मांगने वाले बुद्धिजीवियों और नेताओं की भारी फजीहत हुयी थी । अपनी फजीहतों को याद करते हुये इसबार अभी तक किसी ने भी सबूत नहीं मांगे है।
मैंने देखा कि कुछ पाकिस्तानी चैनल यहाँ तक कह रहे थे कि पुलवामा हमला मोदी ने करवाए हैं। फिर अपने देश के कुछ नेताओं ने भी कहा कि पुलवामा हमला मोदी ने करवाए। यहाँ हमारे नेता पाकिस्तानी साजिश का शिकार हो गए। पाकिस्तानी चैनल अब बहुत अच्छी तरह से समझ गए हैं कि वे अपने स्टुडियो में बैठकर भी भारत में हमला कर सकते हैं । भारतीयों को आपस में लड़ा सकते हैं। लेकिन देश की आम जनता का इतना भारी समर्थन अभी सरकार और सेना के साथ है कि पाकिस्तान यहाँ सफल नहीं हो पा रहे हैं , इतना जरूर हो रहा है कि पाकिस्तानी एंकरों के झांसे में आकर कुछ नेता और बुद्धिजीवी अपनी फजीहत करवा लेते हैं । पूरे देश में अपनी थू-थू करवा लेते हैं ।
भारतीय युवाओं को भ्रमित करने की हो रही है कोशिश
लेकिन जिस बड़ी तादाद में अब आम युवा भी पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल देखने लगे हैं इस बात का डर है कि पाकिस्तानी एंकर कुछ भारतीय युवाओं का भी ब्रेन वाश करने में कामयाब हो जाये । हालांकि भारतीय युवा उन्हें मातम मनाते हुये देखना चाहते हैं। उन्हें मोदी और भारतीय सेना का गुणगान करते हुये देखना चाहते हैं । कई बार वे केवल मजे लेने के लिए और पाकिस्तानी एंकरों की बक-बक सुनने के लिए उन्हें देखते हैं । लेकिन पाकिस्तानी सेना और मीडिया को ये पता है कि वे उन्हें देख रहे हैं और ब्रेन वॉश करने में वे माहिर हैं तभी तो हर रोज आत्मघाती हमलावर देश में भेज रहे हैं।
सरकार को इस विषय पर गंभीरता से सोंचना होगा
यूट्यूब पर पाकिस्तानी चैनल का भारत में स्ट्रीमिंग यदि भारत सरकार बंद करा पाये तो ये सबसे बेहतर विकल्प होगा परंतु ऐसा होना लगभग नामुमकिन है। ऐसा करने के लिए भारत को चीन की तरह सख्त होना होगा और अंतर्राष्ट्रीय दवाबों को झेलने की ताकत रखनी होगी । जब तक सरकार ऐसा नहीं करती तब तक भारतीय युवाओं को ही थोड़ा जागरूक करना होगा और सरकार को भी इस दिशा में जागरूकता फैलानी होगी । वे पाकिस्तानी चैनल देखना बंद करें और देखें भी तो यह मानकर देखें कि यह उसका प्रोपोगैंडा है । हमें अपनी सरकार और अपनी सेना पर पूरा भरोसा होना चाहिए ।
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