छठ पूजा के तीसरे दिन डुबते हुए सुरज का अर्ध्य दिया गया
सूर्य हमारी उर्जा का श्रोत है। प्रतिदिन सबके लिये सूर्य नये जोश ,उत्साह ,उर्जा के साथ पूर्वी क्षैतिज में दिखाई पडता है। हम पृथ्वी के जिस भाग में रहते हैं ,उसके पृष्ठ भाग में रहकर समस्त पृथ्वीवासियों को गम्भीर निद्रा में सुलाता है । दिनभर की थकावट को दूर करता है ,पुन: पूर्वी क्षैतिज़ में उदय होकर नई उर्जा का संचार करके प्रतिदिन सांसारिक कार्यक्रमों में व्यस्त कर देता है । फलित ज्योतिष के अनुसार ,सूर्य जिस भाव का स्वामी होता है तथा जिस भाव में स्थित होता है ,उस विषय को लेकर हम अत्यधिक महत्त्वाकांंक्षी होते हैं तथा उसी से हम रिचार्ज भी होते हैं ।
20 नवम्बर पूरे कोयलाञ्चल में छठ पूजा की तीसरे दिन सभी वर्ती आज डुबते हुए भगवान भास्कर की अराधना की चार दिनों का चलने वाला यह र्पव का आज तिसरा दिन डुबते हुए सुरज का अरघ दिया गया । इस अवसर पर पूरे धनबाद में छठ का गीत से गुजांयमन हो गया और सभी तालाब में धनबाद के बेकाबांध तालाब रानी बांध तालाब मनईंटांड़ छठ तालाब धनसार तालाब बस्ताकोला तालाब झरिया क्षेत्र मैं राजा तालाब, आनंद भवन तालाब, माँ मंगला चंदी तालाब, बागडीगी तालाब, डिगवाडीह तालाब, दामोदर नदी, जोडि़या छठ घाट, होरलाडीह तालाब में डुबते हुए भगवान भास्कर की आराधना की गई। आप सभी मित्रों को आस्थापर्व सूर्य षष्ठी की बहुत बहुत शुभकामनायें
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