बांदना पर्व के अवसर पर आदिवासी समुदाय के बीच आर्थिक सहायता तथा कंबल वितरण सोमवार को विधायक जितेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में सोमवार को आयोजित किया गया
पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र के बंकोला में आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच बांदना पर्व के मद्देनजर आर्थिक सहायता प्रदान करने, उनके गाँव के प्रमुखों का सम्मान समारोह तथा कंबल वितरण सोमवार को विधायक जितेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में सोमवार को आयोजित किया गया।
इस मौके पर विधायक जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि यहाँ के लोगों ने सहयोग का अनुरोध किया था, पांडेश्वर प्रखंड के प्रत्येक आदिवासी गाँव के मोरल(मुखिया) को सम्मानित किया जा रहा है। वहीं मांझी बाबा को बांदना पर्व के लिए 5-5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। ताकि पर्व का आयोजन और बेहतर ढंग से कर सकें। वर्तमान समय में देश में भाजपा सरकार, अचानक कह रही है कि इस देश के रहनेवालों को फिर से प्रमाणित करना होगा कि वह लोग यहाँ के नागरिक हैं।
हमलोग जब पूछ रहे हैं कि कैसे प्रमाणित करेंगे तो वह लोग कह रहे हैं कि राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड भी नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा। कह रहे हैं कि उनके लोग घर-घर जायेंगे, वह लोग जो कागज मांगेंगे वह दे पायेंगे तभी आप देश के नागरिक बनेंगे। बूढ़े लोगों का जन्मपत्र मांगा जायेगा, वह कहाँ से लायेंगे, जमीन की दलील मांगी जा रही है, बड़े अमीर लोगों के पास दलील है, लेकिन अधिकांश लोगों के पास अपनी जमीन नहीं हैं, तो क्या वह देश के नागरिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि आपलोगों का यह अधिकार किसने दिया कि यह तय करने के लिए कौन देश के नागरिक हैं कौन नहीं। इसलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे लेकर आन्दोलन कर रही हैं, वहीं हमलोगों ने निर्णय लिया है कि जो लोग कागज मांगने आय़ेंगे, उसे अपने इलाके में घुसने नहीं देंगे। हमलोग कोई कागज नहीं दिखायेंगे। आदि का अर्थ ही सबसे पुराना होता है, आदिवासी जो सबसे पुराने हैं।
उन्हें कहा जायेगा कि देश की नागरिकता प्रमाण करें। अगर हमलोग देश के नागरिक नहीं होते तो क्या हम स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस मनाते। क्या पंडित रघुनाथ मुर्मू, बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू हमारे देश के नहीं थे, अगर वह लोग हमारे देश के हैं तो सभी आदिवासी भारतीय हैं, किसी से कोई कागज नहीं मांगना होगा, अगर मोदी सरकार को कागज लेना है तो पहले मेरे दादाजी का कागज मांगे, वह तो भगवान के पास हैं, पहले वहाँ जाकर उनका कागज लेकर आओ, फिर हमलोगों का कागज मांगों।
हमलोगों के वोट से जीतकर मंत्री और प्रधानमंत्री बन गये और अब कह रहे हैं कि देश के नागरिक नहीं है। अगर वह लोग प्रमाण मांगने के लिए कागज मांगने आये तो उन्हें झाड़ू से पीटकर भगाये, उनके चेहरे पर लाल दाग होता तब पता चलेगा कि हमलोग इस देश के नागरिक हैं।

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