सालगिरह पर दंपत्ति घूमने आया था मैथन डैम, मिला तीन माह पहले खोया पड़ोसी
कल्याणेश्वरी। सादी की चौदहवीं सालगिरह पर पांडेश्वर से मैथन डैम घूमने आए मिठुन दास और उनकी धर्मपत्नी चैताली दास को मैथन डैम में अनोखा तोहफा मिला परिवार ने कहा आज बहुत खुश हूँ, चुकी आज हमलोगों ने एक बिछड़े बेटे को माँ से मिलाया है। लगभग दो माह से माँ अपने बेटे की वियोग में दर दर की ठोकरें खा कर ढूंढने की असफल प्रयास कर रही थी, अलबत्ता बेटे को माँ से मिलाकर हमलोगों को सालगिरह का अनमोल तोहफा प्राप्त हुआ है।
घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि पांडेश्वर की रहने वाली बुजुर्ग महिला असोका बाउरी अपने एकलौते मानसिक बीमार पुत्र विश्वा बाउरी के साथ पांडेश्वर बाउरी पड़ा में रहती है। 28 वर्षीय पुत्र मानसिक बीमार हो जाने के बाद भी माँ अशोका बाउरी घर घर में काम कर एकलौते बेटे का परवरिश करती है। हालांकि दैनिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आज तक विश्वा को उपचार नहीं हो सका। अंततः बीते लगभग 2 माह पहले विश्वा एक दिन गुम हो गया, दिन साथ कि खोज के बावजूद भी विश्वा का कोई पता नहीं चला। मामले को लेकर माँ असोका बाउरी ने बताया कि बेटे की गुमशुदगी की शिकायत पांडेश्वर पुलिस से भी की किन्तु कोई लाभ नहीं हुआ। अंत में पांडेश्वर से मैथन डैम घूमने आए मेरे पड़ोसी दंपत्ति ने विश्वा को डैम इलाके में भटकते देखकर पहचाना और मुझे सूचना दिया।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले विश्वा बिल्कुल ठीक था, वह एक मीट की दुकान पर काम करता था। लॉकडाउन लग जाने के बाद विश्वा बेरोजगार हो गया और मानसिक तनाव के कारण बीमार हो गया, इतना ही नहीं इस हालत में पत्नी भी उन्हें छोड़कर चली गई, मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है कि बेटा का अच्छा इलाज करा सकूँ। इधर दंपती मिथुन दास के द्वारा सूचना मिलते ही पांडेश्वर क्लब के स्थानीय युवकों के सहयोग से अशोका बाउरी मैथन डैम पहुँचते ही अपने पुत्र को पकड़कर दहाड़ मारकर रोने लगी। अंत में मौके पर पहुँचे कल्याणेश्वरी फांड़ी एएसआई सोमेन्द्रनाथ दे ने परिजनों से लिखित आवेदन ले कर विश्वा बाउरी को परिजनों को सौंपा दिया।

Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें

Quick View