welcome to the India's fastest growing news network Monday Morning news Network
.....
Join us to be part of us
यदि पेज खुलने में कोई परेशानी हो रही हो तो कृपया अपना ब्राउज़र या ऐप का कैची क्लियर करें या उसे रीसेट कर लें
1st time loading takes few seconds. minimum 20 K/s network speed rquired for smooth running
Click here for slow connection


राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस पर एनएसएस ने भोपाल गैस त्रासदी को किया याद

साहिबगंज । राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा साहिबगंज महाविद्यालय में विमर्श गोष्ठी एवं संकल्प शपथ समारोह का आयोजन किया गया। विमर्श गोष्ठी का विषय ‘वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिए जन जागरूकता’ रखा गया था।

समारोह के मुख्य अतिथि साहिबगंज महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन, प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। भोपाल गैस त्रासदी पूरी मानवता के लिए एक सीख है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे भू -वैज्ञानिक पर्यावरणविद, एनएसएस नोडल अधिकारी डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार व शासन को प्रकृति, फ्रेंडली पर्यावरण, संरक्षण, वायु, जल व ध्वनि, मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाना होगा। प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि पत्थरों के अत्यधिक दोहन से प्रदूषण का खतरा बना हुआ है। प्रो. अनु सुमन बाड़ा ने कहा कि कुछ इलाकों में उड़ती धूलकण बीमारियों को आमंत्रित कर रही हैं।

भोपाल गैस त्रासदी मिस मैनेजमेंट व अनदेखी का नतीजा था। ठीक इसी प्रकार अगर साहिबगंज में पत्थर उद्योग को कंट्रोल नहीं किया गया तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से लैस पहाड़ व गंगा के बीच बसा साहिबगंज आज प्रदूषण की जद में है। हमें उपयोग व दोहन के बीच फर्क को समझना होगा। कारोबार को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है, लेकिन अत्यधिक दोहान व अनदेखी का हमें विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी, इस बात को समझे, कि निपुणता में चूक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।

मानव के लिए सृष्टि की रचना की गयी है,लेकिन मानव आज इसे अपने हाथों से बर्बाद करने पर तुला है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर सिंह ने कहा कि जन जागरूकता, जन भागीदारी, जन अभियान व जन जिम्मेदारी से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है। सरकार व प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युवा शक्ति को आगे आना चाहिए। प्रदूषण मुक्त शहर व गाँव, इको फ्रेंडली, नेचर फ्रेंडली तभी होगा जब हम अपनी जीवन शैली को प्रकृति व पर्यावरण के अनुरूप ढालेंगे।

नमामि गंगे शोधकर्ता एकता शर्मा ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी इस बात का सबूत है कि जब मानव, प्रकृति से छेड़छाड़ करता है तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जो किसी के कंट्रोल में नहीं आती है। भोपाल में आज भी उस जगह पर पैदा होने वाले बच्चों में किसी ना किसी प्रकार की विकृति पाई जाती है। आगे उन्होंने कहा कि हमें अपने स्तर पर कोशिश करना चाहिए कि हमारी वजह से पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े। इसके लिए सभी लोगों को जागरूक करके पर्यावरण के साथ जुड़ाव ज़रूरी है।समारोह का धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अनूप सुमन बाड़ा ने किया। कार्यक्रम में छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण की शपथ भी ली। मौके पर प्रोफेसर प्रसनजीत कुमार दास, छात्र दीपांजलि, कनक, अंजलि, ज्योति, सुनील, विनय टुडू व अन्य मौजूद थे।

Last updated: दिसम्बर 3rd, 2020 by Sanjay Kumar Dheeraj
Sanjay Kumar Dheeraj
Correspondent, Sahibganj (Jharkhand)
अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें

पाठक गणना पद्धति को अब और भी उन्नत और सुरक्षित बना दिया गया है ।

हर रोज ताजा खबरें तुरंत पढ़ने के लिए हमारे ऐंड्रोइड ऐप्प डाउनलोड कर लें
आपके मोबाइल में किसी ऐप के माध्यम से जावास्क्रिप्ट को निष्क्रिय कर दिया गया है। बिना जावास्क्रिप्ट के यह पेज ठीक से नहीं खुल सकता है ।
  • पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें



    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View
  • ट्रेंडिंग खबरें
    ✉ mail us(mobile number compulsory) : [email protected]
    
    Join us to be part of India's Fastest Growing News Network