पूर्व छात्र नेता लापता मामले में अभी तक कोई सुराग नहीं , सभी आरोपी कर रहे हैं आत्मसमर्पण

चित्तरंजन। चित्तरंजन देशबन्धु महाविद्यालय का छात्र परिषद का पूर्व नेता रहे प्रभात कुमार उर्फ आदित्य प्रसाद पिछले 17 जुलाई से अपने महिन्द्रा स्कार्पियो वाहन केे साथ लापता होने से परिवारवालों का अब सब्र का बांध टूटता जा रहा है।

डेढ़ महीना होने को है और पुलिस अब तक प्रभात कुमार का कोई भी सुराग नहीं ढूंढ पायी है । हालाँकि मिहिजाम पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए एड़ी-चोड़ी एक किये हुए है।

तीन दिन के पुलिसिया रिमांड में भी पुलिस को नहीं मिली कोई सफलता कई आरोपी अभी भी है फरार

पुलिस द्वारा बनाए गए मुख्य आरोपी सुखचंद उर्फ संदीप मिर्धा ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है। पुलिस ने उसे 72 घंटे के लिए रिमांड पर लिया था । बुधवार को सुखचंद का 72 घंटा पूरा हो गया लेकिन प्रभात कुमार के बारे में कोई भी सुराग नहीं मिल पाया। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं।

बुधवार को एक और आरोपी जिसे सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था “साहेब दे” ने कोर्ट में आत्मसर्पण किया है। साहेब के पिता चिरेका में काम करते हैं ।

पुलिस संदीप मिर्धा को ही मुख्य आरोपी मान रही है

पुलिस का कहना है कि संदीप मिर्धा ही प्रभात को गाड़ी भाड़े पर आसनसोल ले गया था । पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण सभी आरोपी कोर्ट में आत्मसर्पण कर रहे हैं जिस कारण मामला का उद्भेदन करने में पुलिस को दिक्कत आ रही है।इस मामले में और तीन आरोपियों लवली सिंह, कार्तिक धीवर का मौसेरा भाई बाबू धीवर की पुलिस को तलाश है जो स्कोर्पियो में सवार था। कार्तिक धीवर को पहले पुलिस पूछताछ कर चुकी है, अब वो पुलिस के गिरफ्त से बाहर है।

रूपनारायणपुर के रांची मोड़ से अपराधियों ने धोखे से किराये पर लिया था स्कार्पियो

मोबाइल में पति की फोटो दिखाती प्रभात की पत्नी

पुलिस सूत्रों के अनुसार 18 जुलाई को इस मामले के कई आरोपी पानागढ़ विष्टूपुर गये और वहाँ पर एक महिला के घर रात बिताया। इधर-उधर खूब मौज मस्ती किये। इसके बाद वर्द्धवान स्टेशन के पास वाहन रखने की बात आरोपियों ने बताया लेकिन पुलिस ने वहाँ के वाहन स्टेंड संचालक से पूछताछ किया तो पता चला की झूठी बात है। अब पुलिस को बताया गया है कि प्रभात कुमार का वाहन बांकुड़ा में हो सकता है। वहीं इस मामले में एक महिला द्वारा एक शिकायत भी दर्ज कराने की बात सुनी जा रही है।

विदित हो कि 17 जुलाई की रात 8 बजकर 15 मिनट पर अपने घर से निकले थे। हिन्दुस्तान केबल्स के रांची मोड़ से किराये पर कुछ लोगों को अपने वाहन से आसनसोल ले गए थे । प्रभात के एक चालक मित्र नीतिन ने उसे फोन कर इस भाड़े पर जाने के लिए कहा था ।

वाहन उसके पिता राजनंदन प्रसाद के नाम पर है। 35 वर्षीय प्रभात उस दिन सफेद और हरे रंग का टी शर्ट तथा ब्लू जिन्स एवं किटो चप्पल पहन रखा था। दाहिने हाथ में वह कड़ा पहना हुआ था। बताया जाता है कि अंतिम बार उसने अपनी पत्नी को रात के 11 बजे फोन पर कहा कि आधा घंटे में आ रहा हूँ।

Last updated: अगस्त 28th, 2019 by Om Sharma
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