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छः सुरक्षा चक्र को लांघ गए अपहरणकर्ता , किसी को भनक तक नहीं लगी

अपहृत व्यवसायी तेजपाल एवं उनकी गाड़ी जिससे अपहरण हुआ था ।

सालानपुर। कहते है चुनाव के समय सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी हो जाती है लेकिन बंगाल-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में तो ठीक उल्टा है । लगभग दो माह पूर्व  जब चुनाव की घोषणा नहीं हुई थी उस वक्त सलानपुर पुलिस ने दो बड़ी सफलता अर्जित कर खूब वाहवाही बटोरी थी । कोलकाता के नामचीन पान मसाला मालिक को सालानपुर पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा सुर्खियाँ समेत आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की वाहवाही बटोरी थी,   उसके एक हफ्ते के  भीतर पाँच लाख का जाली नोट जब्त किया था किन्तु  बुधवार तेजपाल अपहरण की घटना से सालानपुर पुलिस पुनः कमिश्नरेट के कोपभाजन के शिकार हो चुकी है।

मैथन डैम स्थित बंगाल नाका चेक पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने की एवज में कल्याणेश्वरी फांड़ी प्रभारी अमर नाथ दास समेत एसआई कल्याण नस्कर को आसनसोल दुर्गापुर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा ने खरी खोटी सुनाई । मामलें में अधिकारियों पर विभागीय गाज गिरने की भी संभावना बतायी जा रही है।

इधर 24 घण्टा से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी अपहृत तेजपाल की टोह अंधकार में है। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस की डीडी डिपार्टमेंट अधिकारी देबज्योति साहा को जाँच की जिम्मा सौंपा गया है। बताया जाता है कि पुलिस को मामलें की कई अहम सुराग हाथ लगी है।

फैक्ट्री जाने के क्रम में घात लगाए अपराधियों ने गाड़ी सहित किया अपहरण

घटनास्थल का जायजा लेते हुये पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा (फोटो – कौशिक मुखर्जी )

बराकर निवासी उद्योगपति जोगिंदर सिंह के इकलौते पुत्र तेजपाल रोज की तरह अपनी फॉर्च्यूनर (एसयूभी) में अपने चालक के साथ सालानपुर थाना अंतर्गत नाकड़ाजोड़िया स्थित आसनसोल अलॉय प्लांट पहुँचने ही वाले थे कि एक सुनसान स्थान फैक्ट्री से 100 मीटर दूर ही घात लगाकर बैठे अपराधी जबरन बंदूक की नोक पर उनके ही वाहन में सवार हो गए और चलते बने। अपराधी नाकड़ाजोड़ियाँ से कल्याणेश्वरी और मैथन डैम के रास्ते सीधा झारखण्ड प्रवेश कर गए जिसके बाद अपराधियों ने चतुराई से निरसा थाना क्षेत्र मुगमा राजमार्ग के पास फॉर्च्यूनर को छोड़ तेजपाल को दूसरे वाहन पर ले गए।

मैथन डैम के दोनों छोर पर स्थित पुलिस चौकी को चकमा दे गए अपराधी

मैथन डैम आगमन से पहले ही बंगाल पुलिस नाका है, बताया जाता है कि वहाँ कोई नहीं होने के कारण अपहरणकर्ता आसानी से सीमा लांघ गए, किन्तु इससे भी बड़ी बात मैथन डैम की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ जवान के दो चौकियों को भी भेदने में अपराधी सफल रहे, जिसके कुछ ही दूरी पर झारखण्ड मैथन थाना की जाँच चौकी है किंतु किसी को कुछ भी भनक नहीं लगी।

फर्जी नंबर प्लेट के वाहन चला रहे थे और पुलिस की नजर नहीं पड़ी

नाका पोस्ट पर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी पुलिस ने खंगाला किन्तु तस्वीर धुंधली दिखी। पुलिस सूत्रों के अनुसार मैथन डीवीसी में गेट से बंगाल पुलिस ने फॉर्च्यूनर समेत तीन संदिग्ध वाहनों का फुटेज बरामद किया है बताया जाता है कि दो संदिग्ध क्रेटा समेत अन्य एक वाहन की नंबर फर्जी है। प्लेट पर जेकेडी अंकित है, ऐसा सीरीज पूरे भारत में नहीं है।

पुलिस मुगमा में बरामद फॉर्च्यूनर को जब्त कर कल्याणेश्वरी फांड़ी ले आयी है। परिजनों का कहना है कि अपराधी अपने साथ फॉर्च्यूनर का चाबी भी ले गए है। घर पर रखे दूसरी चाबी से वाहन लाया गया।

कुल छः सुरक्षा चक्र को लांघ गए आरोपी

सूत्रों की माने तो 11 बजकर 31 मिनट पर अपराधी मैथन मैन गेट क्रॉस किया और मुगमा पहुँचने के बाद तेजपाल और चालक रवि कुमार को दूसरे वाहन पर बैठाया। निरसा पुलिस को भी घटना की भनक तक नहीं लगना उन्हें सवालों की घेरे में खड़ा करती है। कुल मिलाकर अपराधियों ने छह सुरक्षा कवच को तोड़कर व्यवस्था की मुँह पर कालिख पोत दी है। पहला लेफ्ट बैंक डीवीसी चेक पोस्ट, दूसरा बंगाल पुलिस नाका पोस्ट, मैथन डैम पर दो सीआईएसएफ चेक पोस्ट, झारखण्ड पुलिस नाका पोस्ट और डीवीसी मैथन मेनगेट चेक पोस्ट शामिल है।

बताया जाता है कि मामला सालानपुर थाना में दर्ज कराया गया है जहाँ चालक रवि कुमार के भी संदेह के घेरे में होने की बात सामने आ रही है। पूरे मामले में तेजपाल के घर पर सन्नाटा पसरा है। परिजन मामले में फूंक फूँक के कदम रख रही है और मीडिया से दूरी बनाए रखने पर जोर दे रही है। फिरौती की अभी तक मांग नहीं किये जाने की बात भी सामने आ रही है।

बॉर्डर मज़बूत करने के लिए एक सप्ताह पूर्व ही बंगाल, धनबाद और जामताड़ा पुलिस की बैठक हुई थी

विगत 12 अप्रैल को आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट, धनबाद तथा जामताड़ा पुलिस की साझा तत्वाधान में चित्तरंजन के एक सभागार में बॉर्डर सुरक्षा दुरुस्त, आपसी समन्वय स्थापित समेत सूचना आदान प्रदान मजबूत को लेकर बैठक किया गया था। जहाँ मौके पर तीनों जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने बोर्डरिंग सुरक्षा पर काफी जोर दिया था। बैठक में लोकसभा निर्वाचन, रामनवमी और अंतरप्रांतीय अपराधियों पर नकेल कसने की मुद्दे पर भी जोर दिया गया था।किंतु परिणाम विपरीत हुआ।

आपसी रंजिश को भी टटोल रही है पुलिस

परिवार के मुखिया ठाकुर सिंह ट्रांसपोर्ट की व्यवसाय से जुड़े थे। उनके दो पुत्र बड़ा बेटा दर्शन सिंह और छोटा जोगिंदर सिंह बताया जाता है कि ट्रांसपोर्टिंग के साथ कोल व्यवसाय से जुड़े थे। जिसमें वैध-अवैध दोनों शामिल थी। इस फेहरिस्त में कोल व्यवसायी मुस्तफा से जोगिंदर की दोस्ती हुई । कोयला कारोबार अब उद्योग में बदलने की कवायद शुरू हो चुकी थी। बताया जाता है। कि इसके बाद नकडाजोड़िया में आसनसोल एलॉय की नींव रखी गयी। हालांकि इस दोस्ती में लगभग 5 वर्ष बाद दरार पड़ गयी थी। फलस्वरूप आसनसोल एलॉय पर जोगिंदर सिंह का कब्जा हो गया जिसे तेजपाल देखरेख करने लगे। दूसरी और मुस्तफा ने राजमार्ग के पुराना कल्याणेश्वरी मंदिर के पास रिफैक्ट्री का निर्माण किया। पूरे मामले में दोनों पक्षों में जमकर विवाद भी होने की बात सामने आई थी। सूत्रों की माने तो कोयला व्यवसाय में मैनेजर रॉय से भी जोगिंदर की अदावत हो चुकी है। जिस मामलें में जोगिंदर पर फायरिंग होने की बात भी चर्चे में है। इधर पुलिस मामलें को लेकर पुरानी रंजिश की अंधी गलियों में रौशनी की किरण तलाश रही हैं।

घटना से भयभीत है कल्याणेश्वरी क्षेत्र के उद्योगपति

एक और जहाँ घटना ने तेजपाल के घर कोहराम मच दिया है दूसरी ओर कल्याणेश्वरी से देंदुआ और सालानपुर तक फैले उद्योग जगत के मालिकों में इन दिनों डर और दहशत ने जगह बना लिया है। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कुछ उद्योगपति ने बताया कि अब इस एरिया में भी अपराधी सक्रिय हो चुकी है। कब कहा को घटना घट जाए कहा नहीं जा सकता। प्लांट आने में भी डर लगने लगा है।

महेशपुर स्थित अंजनिया प्लांट में भी कुछ दिन पूर्व डकैतों ने गार्ड को बंधक बनाकर चार घण्टे तक लूटपाट किया था और प्लांट से लाखों का ताम्बा लूट लिया था। जिस घटना में अब तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिली है। ऐसे वारदात ने यहाँ इन दिनों डर और भय का माहौल बना दिया है।

Last updated: अप्रैल 18th, 2019 by Guljar Khan