दीदी से बड़ा हिंदी भाषियों का हमदर्द और कोई नही-दिनेश लाल श्रीवास्तव
सालानपुर। हिंदी भाषियों को जो सम्मान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी से मिला है और कोई नहीं दे सकता, और न ही दीदी से बड़ा कोई हमदर्द हो सकता है। उक्त बातें तृणमूल आईएनटी टीयूसी(केकेएससी) श्रमिक संगठन नेता दिनेश लाल श्रीवास्तव ने कहा, उन्होंने पश्चिम बंगाल तृणमूल कॉंग्रेस हिंदी प्रकोष्ठ में पश्चिम बर्द्धमान जिला साधारण सचिव पद से सम्मानित होने के बाद दीदी एवं तृणमूल कॉंग्रेस का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने दावे के साथ कहा है कि सालानपुर तथा उनके डाबर कोलियरी क्षेत्र का एक भी हिंदी भाषियों का वोट कोई और पार्टी नहीं ले सकता, हिंदी भाषियों को जो मान और सम्मान मुख्यमंत्री दीदी एवं बाराबनी विधायक विधान उपाध्याय ने दिया है। कुछ लोगों को लोकसभा चुनाव में भाजपा दिग्भ्रमित एवं हिंदी हितैसी बतलाकर वोटों का धुर्वीकरण किया था। किंतु दूध के जले हिंदी भाषी अब मठ्ठा भी फूक फूक कर पी रहें है। केंद्रीय मंत्रियों का मुख्यालय अभी बंगाल बना हुआ है, इरादा साफ है ये लोग कुछ देने नहीं बल्कि लेने आये है, बंगाल को सोनार बांग्ला का सपना दिखाने वाला भाजपा सरकार ने उत्तरप्रदेश, बिहार और त्रिपूरा को क्या दिया जग जाहिर है।
उन्होंने कहा दिल्ली में किसानों के लिए कांटे और बंगाल में सुहाना सपना, पेट्रोल डीजल घरेलु गैस मूल्य सातवें आसमान पर और फिर यहाँ अच्छे दिन का सपना। बंगाल में हिंदी भाषियों को ठगना अब आसान नहीं है। उन्होंने कहा डाबर कोलियरी में लगभग 500 हिंदी भाषियों का वोट है, जिसमें विधायक विधान को छोड़कर एक भी किसी और को नहीं मिलने वाला।
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