अब ऑनलाइन बनाएँ ड्राइविंग लाइसेंस, ये है नई व्यवस्था
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बनाई गई है नई व्यवस्था। अगर आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो पूरी जानकारी रखिए, वरना लर्निंग से भी हो जाइएगा वंचित। अब लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट होने जा रहा है। लोगों को कंप्यूटर पर बैठकर यह टेस्ट देना होगा। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है।
आवेदक हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में टेस्ट दे सकेंगे। इस ऑनलाइन टेस्ट में आवेदक को कम से कम 50 प्रतिशत सवालों का सही जवाब देना होगा, वरना वे फेल हो जाएँगे। केवल इतना ही नहीं जो पढ़े लिखे नहीं है और उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान नहीं है तो उनके लाइसेंस बनाने का सपना अधूरा रह जाएगा। इसका सबसे अधिक असर व्यवसायिक वाहन चलाने वालों पर पड़ेगा। रांची सहित राज्य के कई जिलों में ट्रायल के बाद इस नई व्यवस्था को शुरू कर दिया गया है। जल्द ही यह व्यवस्था यहाँ भी शुरू होने जा रही है।
सबका देना होगा जवाबः परिवहन विभाग ने 300 से 400 सवालों का सैम्पल तैयार किया है, जिसे कंप्यूटर में रैंडमली डाला गया है। इसमें रूल्स, ट्रैफिक साइन, एक्सीडेंट में आदि के बारे में पूछा जाएगा। कौन-कौन से पेपर गाड़ी के साथ लेकर चलें? गाड़ी को कैसे ओवरटेक करना है? कहाँ से मुडऩा है? कुछ इसी तरह के कुल 25 सवाल पूछे जाएँगे। निर्धारित समय में कम से कम 13 सवालों का सही जवाब देना होगा। सही जवाब देने वालों को ही लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा।
फेल होने पर फिर कर सकते हैं आवेदनः सगीर अहमद ने बताया कि अगर कोई आवेदक टेस्ट में फेल हो गया है, तो वह दोबारा फिर अप्लाई कर सकता है। लर्निंग लाइसेंस हासिल कर चुके आवेदनकर्ताओं के पास इसके बाद कुल छह महीने तक का समय होता है। इस दौरान आप हल्के वाहनों को चलाकर ड्राइविंग सीख सकते हैं।
कंप्यूटर नहीं जानने वाले हो जाएँगे वंचितः ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जो ऑनलाइन प्रक्रिया परिवहन विभाग शुरू करने जा रहा है, अब उससे स्पष्ट है कि जिन्हें कंप्यूटर का ज्ञान नहीं है या पढ़े लिखे नहीं हैं, उनके ड्राइविंग लाइसेंस का सपना अधूरा रह जाएगा। इस प्रक्रिया का सबसे अधिक खामियाजा व्यवसायिक वाहन जिसमें ऑटो, ट्रेकर, मिनी बस, हल्के ट्रक चलाने वाले को होगा, क्योंकि उसमें 90 प्रतिशत लोग वैसे होते हैं जिन्हें कंप्यूटर की जानकारी तक नहीं है।

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