एनबीजेके संस्थापक प्रभुनाथ शर्मा का निधन, शोक की लहर
नव भारत जागृति केंद्र के संस्थापक सदस्य सह कोषाध्यक्ष प्रभुनाथ शर्मा का निधन बुधवार देर रात 9 बजे हो गया। उक्त जानकारी संस्थापक गिरिजा सतीश ने संस्था कर्मियों को दूरभाष पर दिया। गिरिजा जी के सूचना के आधार पर संस्था समंवयक बृजनंदन सिंह ने प्रेस रिलीज कर बताया कि प्रभुनाथ जी में कुशल नेतृत्व क्षमता था। अपने जीवनकाल के अंतिम समय तक नव भारत जागृति केंद्र को ऊंचाई तक पहुँचाने का पहल करते रहे।
उन्होंने बताया कि बुधवार को 9 बजे रात में दिल का दौरा पड़ा। परिजनों ने अस्पताल में भर्ती किया। जहाँ चिकित्सकों ने जाँच कर मृत घोषित कर दिया। सिंह ने बताया कि प्रभुनाथ शर्मा समाज सेवा के लिए अपना जीवन संस्था के प्रति समर्पित किए थे। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूर्ण कर एक कुशल इंजीनियर बनने के बाद भी नौकरी नहीं की। उन्होंने जेपी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थे। उसके बाद नव भारत जागृति केंद्र के संस्थापक सदस्य और कोषाध्यक्ष रूप में जीवन प्रयन्त कार्य किये। सिंह ने बताया कि प्रभुनाथ जी का जन्म सारण जिला अंतर्गत गरखा प्रखंड स्थित ग्राम मोतीराजपुर में 10 अगस्त 1946 को हुई थी।
शर्मा जी सादगी का जीवन व्यतीत करते हुए जीवन पर्यंत समाज सेवा में लगे रहे। वे गाँधी जी, लोहिया जी एवं जेपी जी को अपना आदर्श मानते थे। वे समाजकर्मियों के लिए प्रेरणास्रोत थे। अब वे हमेशा-हमेशा के लिए हम सब से ओझल हो गए। जो एनबीजेके के लिए अपूरणीय क्षति है। संस्था के लिए अब उनकी स्मृतियाँ ही शेष रह गई है। उन्हें सुरेखा प्रकाश भाई पब्लिक स्कूल प्राचार्या रीना पांडेय, संस्था के प्रबंधक बीरेंद्र सिन्हा, समंवयक बृजनंदन सिंह, एलएनजेपी आई अस्पताल प्रबंधक संतोष कुमार पूरी, डॉ० धीरज कुमार, प्रिंसिपल विकांत सिंह, करुणा निधि, माया मिश्रा, पूनम कुमारी, नवरत्न पांडेय सहित दर्जनों संस्था कर्मियों ने शत-शत नमन व भावभीनी श्रद्धांजलि दिया।

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