मुजफ्फरपुर आश्रय घर केस में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश
मुजफ्फरपुर आश्रय घर केस में मुख्यमंत्री नितीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। केस की सुनवाई कर रही मुजफ्फरपुर पॉस्को अदालत ने सीबीआई को इस केस के संबंध में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश दे दिये हैं। मुख्यमंत्री नितीश कुमार के साथ-साथ जदयु और भाजपा के लिए भी यह बड़ा झटका है।
अदालत ने यह आदेश केस के अहम आरोपी डॉ अश्विनी कुमार के शिकायत पर दिया है जिसमें अश्विनी कुमार ने अदालत से शिकायत किया है कि सीबीआई केस में कई अहम तथ्यों को अनदेखा कर रही है। उन्होने इस पूरे मामले में मुख्य मंत्री नितीश कुमार सहित कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की मांग की है। डॉ अश्विनी कुमार पर आरोप है कि नाबालिग बच्चियों को सुई देकर उसे यौन कार्य के लिए तैयार करते थे।
इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में सभी तत्थ नहीं पेश करने पर बिहार सरकार की कड़ी फटकार लगाई थी साथ ही। सीबीआई के निदेशक नागेश्वर राव पर एक लाख रुपए का जुर्माना और एक दिन कोर्ट परिसर के कोने में खड़ा रहने की सजा सुनाई थी। नागेश्वर राव पर आरोप था कि उसने इस केस की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी का तबादला कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई फिर से उसी अधिकारी को देने का आदेश दिया था ।
मुजफ्फरपुर आश्रय घर का मामला अप्रैल 2018 में सामने आया जब बिहार सरकार की अनुशंसा पर “टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस” ने बिहार के आश्रय घरों पर एक रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बिहार के 17 आश्रय घरों को मौत से भी बदतर बताया गया था।
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