बच्ची मधुस्मिता मरने के बाद भी जीवित रहेगी

बहुत दिनों से बीमारी से पीड़ित बच्ची का दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई. मृत्युपरांत बच्ची के माता-पिता ने सराहनीय कदम उठाते हुए अपनी मृत बच्ची के अंग को दान किया. उक्त बच्ची मरने के बाद भी दुसरो को जीवन दे गई और अब वह संसार में जीवित रहेगी.

दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में ब्रेन मृत मधुस्मिता बायन के शरीर का अंग निकाल कर कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में ले जाया जाएगा. मधुस्मिता के पिता मेजिया थर्मल पावर (सीआईएसएफ) में काम करते हैं और अपने फैमिली को लेकर दुर्लवपुर में रहते हैं. उन्होंने कहा कि उसके शरीर के हृदय, किडनी, लीवर, आँख को निकाल कर दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रतिस्थापित करने के लिए कोलकाता एसएसकेएम अस्पताल भेजा जाएगा.
कोलकाता एसएसकेएम से आए हैं डॉक्टर
एसएसकेएम से डॉक्टर की टीम दुर्गापुर रविवार की दोपहर को पहुँची. जो अंगों को निकालकर कोलकाता ले जाएगी. जहाँ अन्य व्यक्ति में उक्त अंगो को प्रत्यारोपण होगा. अंगों को ले जाने के लिए दुर्गापुर से कोलकाता तक सड़क मार्ग को खाली कर कॉरिडोर बनाया गया है. जहाँ काफी जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस के एडीसीपी अभिसेक मोदी, ट्रैफिक एसीपी सास्वती स्वेता सामंत, बिमल मंडल ने पूरी तैयारी का जायजा लिया.
अंग को निकालने के लीए एसएसकेएम अस्पताल से डॉक्टर अभिजीत राय के नेतृत्व में 10 चिकित्सकों की टीम दुर्गापुर पहुँचे है. मिशन अस्पताल के चारों तरफ भी पुलिस तैनात की गई है. पुलिस सीआई चंद्रनाथ चक्रवर्ती, एसीपी दीपक कुमार मंडल, डीसी अभिषेक मोदी सहित विभिन्न थाना के प्रभारी मौजूद है. शाम को 4:30बजे से अंग को निकालने का काम शुरू किया गया. इसे निकालने में रात के 8 बज सकते हैं. दुर्गापुर से कोलकाता तक पुलिस द्वारा रास्ते को खाली कर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को भेजा जाएगा. ट्रैफिक पुलिस सुबह से ही तैयारी मैं जुटी हुई है. मिशन अस्पताल से लेकर बुद्बुद तक पुलिस के साथ ट्रैफिक पुलिस भी तैनात की गई है. वहाँ से बर्द्धमान की पुलिस को सौंप दिया जाएगा. फिर बर्धमान पुलिस की निगरानी में ले जाकर कोलकाता पुलिस को सौंपा जाएगा ।
बचपन से ही मिर्गी की बीमारी थी , गुरुवार को डॉक्टर से ब्रेन डेड घोषित किया
मधुस्मिता के पिता दिलीप बायन ने कहा कि डॉक्टरों और साथियों के कहने पर हमलोग तैयार हुए. उन्होंने कहा कि बेटी को बचपन से ही मिर्गी की तरह बीमारी थी. उसका दिमाग का विकास नहीं हो पाया था. कई जगह उसका उपचार करवाया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हो पाया. 12 नवंबर को उसकी तबियत ज्यादा खराब होने पर दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया. गुरुवार को उसकी ब्रेन डेथ की घोषणा डॉक्टर ने की. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन अंग प्रतिस्थापित करने का तैयारी शुरू किया.

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