46 दिनों से लापता प्रभात की निर्मम हत्या, जामताड़ा पुलिस की जाँच प्रणाली पर उठे सवाल अपराधी बेख़ौफ़
46 दिनों से चित्तरंजन महाविद्यालय का पूर्व छात्र नेता प्रभात कुमार को अपराधियों ने गोली मारकर निर्मम तरीके से कर दी हत्या। प्रभात 17 जुलाई से अपने स्कोर्पियो सहित गायब था । जिसकी शिकायत जामताड़ा के मिहिजाम थाने में दर्ज कराई गई थी ।
प्राप्त जानकारी अनुसार प्रभात का शव बांकुड़ा जीलेे के मेजिया थाना इलाके में तालाब में 19 जुलाई को अर्धनग्न व कुचला हुआ मिला था। बांकुड़ा पुलिस को जुलाई में शव के साथ कार नहीं मिली । स्कोर्पियो कार लावारिस हालात में अगस्त के पहले हप्ते में उसी जगह से मिली।
इस मामले में मिहिजाम पुलिस का इंटेलिजेंस बिल्कुल फेल रहा। हालांकि बांकुड़ा बंगाल में है लेकिन मिहिजाम,आसनसोल से करीब है। बावजूद पुलिस को अपराधियों के कोर्ट में आत्मसपर्ण के बाद रिमांड पर पूछताछ में पता चला। शव की शिनाख्त नहीं होने पर 1 अगस्त को पुलिस ने अज्ञात शव करार कर अंतिम संस्कार कर दिया।
इस मामले में रूपनारायणपुर के दो आरोपियों में संदीप मिर्धा व साहेब डे ने जामताड़ा कोर्ट में आत्मसपर्ण किया है। पुलिस के जानकारी के अनुसार हत्या 18 जुलाई को ही करने की बात सामने आई है। मामले में प्रभात के बड़े भाई तरुण का कहना है कि बेख़ौफ़ अपराधी इतने दिनों घूमता रहा और जामताड़ा पुलिस व आसनसोल पुलिस कमिश्नरेट हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।
आत्मसमर्पण करने का सिलसिला भी अपराधी अपने मन से कर रहें हैं ना कि किसी पुलिस दबाव में आकर। मामले में तीन और अपराधियों लवली सिंह, कार्तिक धीवर व कार्तिक का मौसेरा भाई बाबू धीवर की पुलिस को तलाश है। जो स्कोर्पियो में सवार था। कार्तिक धीवर को पहले पुलिस पूछताछ कर चुकी है, अब वो पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। कार्तिक कई बार पिस्टल के साथ जेल जा चुका है। कार्तिक ने ही गोली मारने का काम किया होगा। स्कोर्पियो कार में अगस्त महीने के देवघर से लिए गए तेल के बिल भी पुलिस को मिली है।
मिहिजाम थाना प्रभारी मदन प्रसाद खरवार ने बताया कि प्रभात की हत्या लूट के उद्देश्य से नहीं किया गया है हो सकता है प्रभात की हत्या करवाई गई हो। हो सकता है उसके बिहार स्थित गाँव में कोई विवाद हो जिस कारण लोकल अपराधियों की मदद से प्रभात की हत्या की गयी । पुलिस सभी पहलुओं पर जाँच कर रही है जल्द ही सभी आरोपी जेल के सलाखों में हो होंगे।
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