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मेरी बात,, एक नेता के मन में सदैव मंत्री पद की लालसा,लेखक सह पत्रकार अरुण कुमार

मेरी बात,,,,मंत्री पद की लालसा,आज यह शब्द लिखने और कहने में मुझे बड़ा ही अटपटा लग रहा हैँ और ऐसा मैं क्यों कह रहा हूँ वो आज आप सब लोग मेरी इस आर्टिकल के माध्यम से समझ जाएंगे, फ्रेंड्स आज मुझे एक बात समझ नहीं आती हैँ कि जब एक पान दुकान को चलाने के लिए कम से कम दो व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती हैँ तो इतने बड़े मंत्रालय में एक मंत्री कैसे एक साथ कई कई विभाग को स्वयं चला रहे हैँ या एक साथ चार या पाँच विभाग को अपने हाथ में लेकर चलाने का काम कर रहे हैँ यही बात थोड़ी मुझे समझ में नहीं आ रही हैँ कैसे और किस तरह यह कार्य यह हो रहा हैं आज सरकार को यह समझना होगा की जिस टॉपिक का मैंने यहाँ जिक्र किया की एक इंसान ही तो मंत्री भी होते हैँ वे तो इसी धरती के वाशिंदे हैँ ना की किसी और दुनिया से आए हुए हैँ फिर कैसे इतने बड़े बड़े मंत्रालय को वे अकेले स्वयं सँभालते हैँ यही मेरा सवाल हैँ? जबकि आज एक सरकारी कर्मचारी को एक काम के अलावे कोई दूसरा काम आप दे कर देखें तो पाएंगे की जो काम वो कर रहे थे वो भी गड़बड़ हो रहा हैँ फिर पुरे राज्य और पुरे भारत के मंत्रालय को एक अकेला आदमी कैसे चला लेते हैँ, मुझे लगता हैँ कि तभी अंतिम पायदान तक के वयक्ति तक कोई भी योजना नहीं पहुंच पा रही हैँ आज एक नेता कई कई विभागों को स्वयं अपने हाथ में लेकर कैसे चला पा रहे हैं जबकि कई उदाहरण हैँ जहाँ कि विकास का गाड़ी नहीं पहुंच पा रहा हैँ एक आमलोग स्वयं को परिपक्व बनाने हेतु दिन रात अपने काम को काम समझ कर करता हैँ तब एक आम आदमी का घर चलता हैँ वह आम आदमी इसी उहापोह में रहता हैँ कि कभी ना कभी सरकार हमारी भी सुनेंगे और हमसबकी यह दुःख की घड़ी जल्द दूर होगी किन्तु उस आम आदमी का सपना एक सपना बनकर ही रह जाता हैँ जब एक ही मंत्री कई कई विभागों का स्वयं मालिक बनकर बैठ जाता हैँ और विकास का यह चक्र उस एक इंसान से कोशो दूर हो जाता हैँ जबकि आम इंसान का हाथ पहले भी खाली था और आज भी खाली ही रह गया हैँ ऐसा वो आम इंसान समझता हैँ तभी तो वो इंसान आज भी अपने खोई खोई आँखों से सरकार की ओर देखता हैँ और पूछता हैँ कि कब हमारा दिन सुधरेगा और उसके बच्चे भी कहेँगे कि सरकार ने उनसबकी सुध ली या यह उनका सपना एक सपना बनकर ही रह जाएगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरुण कुमार लेखक सह पत्रकार

Last updated: अगस्त 18th, 2022 by Arun Kumar
Arun Kumar
Bureau Chief, Jharia (Dhanbad, Jharkhand)
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